यूपी में फिर इंसानियत शर्मसार: वाहन नहीं मिला तो रिक्शे पर शव लादकर ले जाने को मजबूर हुए परिजन
punjabkesari.in Friday, Sep 01, 2017 - 03:27 PM (IST)
हमीरपुर: योगी सरकार के लाख दावे के बाद भी सरकारी अस्पतालों की हालात सुधरने का नाम नहीं ले रही है। डॉक्टर से लेकर अस्पताल प्रशासन तक की लापरवाही आए दिन आती ही रहती है।
अभी हाल ही में लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कुत्तों द्वारा शव को नोचकर खाने का मामला सामने आया था। इसी तरह का एक और इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला प्रदेश के हमीरपुर जिला अस्पताल में सामने आया है। अस्पताल में शव वाहन न मिलने पर मजबूर परिजनों द्वारा महिला के शव को रिक्शे पर लादकर कई किलोमीटर दूर पोस्टमार्टम हाउस के लिए ले जाना पड़ा।
सबसे खास बात ये कि पोस्टमार्टम हाउस के इस रास्ते में बाजार, कार्यालय, बस स्टैंड, पुलिस लाइन, एसपी और डीएम ऑफिस के सामने से रिक्शे पर लाश का सफर जारी रहा। इस दौरान किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को विचलित करती ये तस्वीर नहीं दिखाई दी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल कल शाम मौदहा थाने के गुरदहा गाँव में एक नव विवाहिता महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। स्थानीय पुलिस ने रात में ही लाश को सील मोहर कर जिला अस्पताल में रखवा दिया। आज सुबह काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब जिला अस्पताल से शव वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया तो मजबूर परिजन मृतका की लाश को रिक्शे पर लादकर पोस्टमार्टम हाउस ले गए।
जिला अस्पताल के अधिकारी ने दी सफाई
वहीं इस मामले पर जिला अस्पताल के अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने सफाई देने हुए कहा कि अस्पताल में सिर्फ एक ही शव वाहन है। अगर कोई भी शव वाहन की मांग करता है तो उसे दिया जाता है। साथ ही आरोप लगाया कि परिजनों ने शव वाहन मांगा ही नहीं होगा। वहीं इस मामले की जिम्मेदारी पर उन्होंने अस्पताल के ईएमओ और फार्मासिस्ट को जिम्मेदार बताया।