UP Election:हस्तिनापुर से मैदान में दुर्योधन, बोले-5000 साल बाद फिर वापस हासिल करूंगा सत्ता

punjabkesari.in Saturday, Feb 11, 2017 - 12:31 PM (IST)

मेरठ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हो गई है। आज पहले चरण की 73 सीटों पर वोटिंग हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करीब 27 जिले ऐसे हैं जहां जाट और गुर्जर निर्णायक हैं। मेरठ सीट पर जहां भाजपा के विवादास्पद विधायक संगीत सोम और सुरेश राणा क्रमश: सरधना और थाना भवन से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं एक ओर शख्स इन दिनों काफी चर्चा में है जो मेरठ के हस्तिनापुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में है। 66 साल के दुर्योधन कुमार अपनी आजीविका चलाने के लिए कारों की पेन्टिंग करते हैं। उन्हें बहुजन मुक्ति पार्टी ने अपना कैंडिडेट बनाया है।

दुर्योधन ने कहा, 'मेरे प्रत्याशी बनने की एक बड़ी वजह मेरा नाम है। हस्तिनापुर से दुर्योधन का चुनाव लड़ना लोगों को समझ में आएगा। वह हस्तिनापुर का असली हकदार था लेकिन पांडवों ने चालाकी से उसके राज्य पर कब्जा कर लिया। मैंने अपने हैंडबिल में कहा है कि मुझे 5 हजार साल बाद अपनी राजगद्दी दोबारा से हासिल करनी है।' 1967 से ही हस्तिनापुर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और प्रतिष्ठित सीट मानी जाती है। माना जाता है कि यहां जीतने वाली पार्टी का ही लखनऊ में शासन होता है। दुर्योधन नाम रखे जाने पर उन्होंने बताया, 'मेरे पिता ने मेरे जन्म के बाद पंडित से अच्छे नाम सुझाने के लिए कहा।

पंडित ने मेरी कुंडली देखने के बाद कहा कि परिवार में दुर्योधन पैदा हुआ है।' उन्होंने बताया कि इस नाम की वजह से उनका काफी मजाक उड़ाया गया। पहले मुझे अपने नाम की वजह से बुरा महसूस होता था। हालांकि, धीरे-धीरे मैं इस नाम से जुड़े चरित्र से जुड़ता गया। दुर्योधन ने अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ी। वह उन चीजों के लिए खड़ा हुआ जिसपर उसको भरोसा था। मेरे लिए इस नाम का मतलब आजादी है। मैं अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखता हूं और सैकड़ों सालों से हमारा दमन किया गया है। उन ताकतों से लड़ने के लिए मेरा नाम एक प्रेरणा है।' दुर्योधन का मिशन है, '5000 साल बाद दोबारा से राजगद्दी हासिल करना।' दुर्योधन को भरोसा है कि वक्त के साथ दुर्योधन से जुड़ी नकारात्मक छवि बदल जाएगी।