यूपी चुनाव: थम गया अंतिम चरण का प्रचार अभियान

punjabkesari.in Monday, Mar 06, 2017 - 07:08 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में ‘करो या मरो’ की तर्ज पर चल रहा राजनीतिक पार्टियों का ‘तूफानी’ प्रचार अभियान आज शाम पांच बजे थम गया। अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ-साथ गाजीपुर, जौनपुर, चन्दौली, मिर्जापुर, भदोही तथा सोनभद्र जिलों की 40 विधानसभा सीटों के लिए आठ मार्च को मतदान होगा।

इस चरण के प्रचार में राजनीतिक दलों के बीच जोर-आजमाइश अपने चरम पर पहुंच गयी। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता और केन्द्रीय मंत्री वाराणसी में डेरा डाले रहे और दिन रात प्रचार में जुटे। सपा-कांग्रेस और बसपा भी पीछे नहीं नहीं रहीं। अंतिम चरण के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी तीन दिन तक वाराणसी में डटे रहे और तीन बार रोड शो किया। 

सपा मुखिया प्रदेश के मुयमंत्री अखिलेश यादव और उनके गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को संयुक्त रूप से रोडशो किया। पूर्वी उत्तर प्रदेश को सभी दल जीत का दरवाजा मान रहे हैं और बसपा सुप्रीमो मायावती की नजर विशेष तौर पर मुसलमान वोटरों पर है। मायावती को यकीन है कि राज्य के पूर्वी हिस्से का मुसलमान बसपा के पक्ष में मतदान करेंगे।  इसी चरण में तीन नक्सल प्रभावित जिले भी शामिल हैं। सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में सुरक्षाबल एलर्ट हैं। सातों चरणों के वोटों की गिनती 11 मार्च को होगी। 

अंतिम चरण में 1. 41 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें 64. 76 लाख महिलाएं हैं। कुल 14 हजार 458 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। वर्ष 2012 में इन 40 सीटों में से 23 सपा के खाते में गयी थीं। बसपा को पांच, भाजपा को चार, कांग्रेस को तीन और अन्य को पांच सीटें मिली थीं। सातवें और अंतिम चरण में कुल 535 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बसपा के 40, भाजपा के 32, सपा के 31, कांग्रेस के नौ, रालोद के 21, राकांपा के पांच प्रत्याशी मुकाबले में हैं। सबसे अधिक 24 उमीदवार वाराणसी कैण्ट सीट से मैदान में हैं जबकि सबसे कम छह प्रत्याशी केराकत (अनुसूचित जाति) सीट पर हैं।