UP-UK के 16 साल से पेंडिंग मुद्दों के सॉल्यूशन के लिए CM योगी-त्रि‍वेंद्र के बीच मीटिंग खत्म

punjabkesari.in Monday, Apr 10, 2017 - 01:18 PM (IST)

लखनऊ: यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के बीच चली करीब 2 घंटे 20 मिनट की मीटिंग खत्म हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूपी और उत्तराखंड के बीच पि‍छले 16 साल से पेंडिंग विवादों के सॉल्यूशन के लि‍ए अफसरों से रिपोर्ट मांगी गई है। सोमवार को दोनों राज्यों के सीएम सहित अफसरों के बीच हुई माटिंग में मुख्य मुद्दा दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्त‍ियों का बंटवारा रहा। यदि‍ सहमति बनी तो उत्तराखंड को करीब 4200 करोड़ रुपए की संपत्ति‍ मिल सकती है। 

बता दें कि दोनों राज्यों के बीचे पिछले 16 साल से लंबित पड़े परिसंपत्तियों के पूर्ण बंटवारे पर विवाद चल रहा है। दोनों राज्यों में बनी बीजेपी सरकार से अब ये मुद्दा सुलझने की आस दिखाई दे रही है। ऐसा नहीं है कि दोनों राज्यों में परिसंपत्तियां बंटी ही नहीं, शुरुआत में कई विभागों और कार्मिकों का तयशुदा फार्मूले के अनुसार बंटवारा हुआ। उत्तराखंड की पिछली कई सरकारों ने भी इस मसले के समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए लेकिन धरातल पर इनका असर दिखा नहीं। यही कारण भी रहा कि परिसंपत्तियों को लेकर कुछ मामले न्यायालय में भी विचाराधीन हैं।

इन मामलों पर हुई चर्चा
1. उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के कब्जे में 266 आवास, दो गेस्ट हाउस, 36 सिंचाई की नहरें, 214 हेक्टेयर भूमि हैं।
2. उत्तर प्रदेश  ग्राम्य विकास (आवास विकास परिषद) पर उत्तराखंड सरकार की ओर से निर्बल आवास योजनाओं के अंतर्गत ऋण समाधान और ऋण देनदारी।
3. उत्तर प्रदेश के पंचायती राज रिवाल्विंग फंड में उत्तराखंड के 13 जिलों की जिला पंचायतों की जमा धनराशि पर अर्जित ब्याज।
4. उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास पर अनुबंध के मुताबिक बकाया ब्याज की 15 करोड़ से अधिक धनराशि। 
5. उत्तराखंड के गृह विभाग के पिथौरागढ़ में 140 नाली भूमि।
6. तराई बीच एवं तराई विकास परिषद- 8.80 करोड़ रुपए की धनराशि।
7. परिवहन निगम-लखनऊ जिला मुख्यालय और दिल्ली स्थित राज्य अतिथि गृह की परिसंपत्ति का बंटवारा।
इन मामले के अतिरिक्त कुछ अन्य मामलों को लेकर भी दोनों मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के बीच बातचीत हुई।