अमेरिका में मची है उत्तराखंडी संस्कृति की धूम

punjabkesari.in Saturday, Mar 10, 2018 - 09:34 PM (IST)

मसूरी: विदेश में उत्तराखंडी लोक संस्कृति की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका में अपनी आवाज का जादू बिखेरकर लौटे जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने कहा कि वे अमेरिका की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी, इलीनीयो यूनिवर्सिटी, शिकागो, नॉर्थ केरिलोना और ओकला होमा यूनिवर्सिटी के करीब डेढ़ हजार छात्र-छात्राओं से रूबरू हुए।जहां उन्होंने छात्रों को ढोल, दमौ, डौंर, हुड़का थाल, जागर की खूबियों से रूबरू कराया और उन्हें प्रशिक्षण दिया। प्रीतम भरतवाण ने अमेरिकी छात्रों के बीच 17 दिन बिताए।

 

भरतवाण ने बताया कि वहां हिमालयी संस्कृति, खासकर उत्तराखंडी लोक संस्कृति के प्रति छात्र-छात्राओं में खासी रुचि है। प्रवासी भारतीय भी अपनी संस्कृति के प्रति खासे जागरूक हैं। ढोल, दमौ, जागर आदि वाद्ययंत्रों पर शोध कर रहे छात्रों का उन्होंने मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि अमेरिकन यूनिवर्सिटी के छात्रों में सीखने की जबरदस्त रुचि और क्षमता है। कई छात्रों ने भविष्य में उत्तराखंड आने की इच्छा भी जताई।


बकौल भरतवाण, अमेरिका जाने का उनका मूल मकसद जागर और ढोल, जागर के शोधार्थियों के सामने व्याख्यान देना था। भरतवाण ने लोकविद्या खासकर लोक गायकी और वाद्य यंत्रों को पाठ्यक्रम में शामिल करने और इस विधा को बचाने वालों को प्रोत्साहन देने की भी प्रदेश सरकार से मांग की।

 

उन्होंने कहा कि पहाड़ की संस्कृति, परंपरा, संसाधन और यहां की जवानी को बचाने के लिए प्रदेश सरकार को ठोस नीति बनानी चाहिए। नहीं तो, वह दिन दूर नहीं, जब पहाड़ और पहाड़ियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इस दौरान संगीतकार संजय कुमोला, जितेंद्र पंवार, रंगकर्मी अनिल गोदियाल, रायसिंह रावत आदि उपस्थित थे।