UP ELECTION: क्या वोट देने आएंगे क्षेत्र से बाहर गए श्रमिक!

punjabkesari.in Wednesday, Feb 22, 2017 - 12:34 PM (IST)

लखनऊ:चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में भी मतदान होना है। बुंदेलखंड का सूखा और गरीबी किसी उदाहरण के मोहताज नहीं हैं। लेकिन इस क्षेत्र में गरीबी से जुड़ा है पलायन, जिसका चुनाव में बहुत बड़ा महत्व होता है। देखा जाए तो विधान सभा के चुनाव में कम ही सीटों पर जीत-हार का फैसला 50 हजार या उससे अधिक वोटों से होता है। अधिकांश सीटों पर जीत-हार का अंतर पांच से दस हजार के बीच होता है। ऐसे में अगर क्षेत्र की एक बड़ी जनसंख्या रोजगार के लिए बाहर गई हुई हो, तो लोकतंत्र के इस महापर्व में उनका शामिल होना थोड़ा संदिग्ध है।

यू.पी.ए.-2 के समय 2009 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार बुंदेलखंड से करीब 30 लाख किसानों को रोजगार की तलाश में घर छोड़कर बाहर जाना पड़ा है। हालांकि, यह आंकड़ा आठ साल पुराना है लेकिन इन आठ सालों में कुछ ऐसा परिवर्तन भी तो देखने को नहीं मिलता जिसके आधार पर यह कहा जाए कि इस क्षेत्र से रोजगार की तलाश में बाहर गए 30 लाख के करीब किसानों में से कुछ वापस आ गए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार बांदा जिले से 7.4 लाख लोग रोजगार की तलाश में बाहर गए हैं, तो झांसी से 5.6 लाख, जालौन से 5.4 लाख, हम्मीरपुर से 4.2 लाख, ललितपुर से 3.8 लाख, चित्रकूट से 3.4 लाख तथा महोबा से 3 लाख लोग रोजगार की तलाश में बाहर गए हुए हैं। अब सवाल यह उठता है कि अपने क्षेत्र से बाहर गए करीब 30 लाख लोगों में से कितने लोग वोट देने के लिए अपने क्षेत्र में आ पाएंगे।

बुंदेलखंड के तीस लाख से अधिक लोग हैं बाहर:-

जिला    बाहर गए लोग
बांदा           7.4
झांसी          5.6
जालौन        5.4
हमीरपुर      4.2
ललितपुर    3.8
चित्रकूट      3.4
महोबा        3.0