EVM विवाद पर सपा ने भी मिलाया सुर, कहा- जो भी चुनाव हो वह बैलट पेपर से हो

punjabkesari.in Friday, Mar 17, 2017 - 09:06 AM (IST)

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में अपनी करारी हार के कारण तलाश रही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने भी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ के बसपा प्रमुख मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आरोपों के सुर में सुर मिलाते हुए मांग की है कि भविष्य में होने वाले चुनावों में ईवीएम के बजाय मतपत्रों का इस्तेमाल हो। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने यहां बताया कि विधानसभा चुनाव में नवनिर्वाचित विधायकों की पार्टी राज्य मुख्यालय पर हुई बैठक में विधायकों ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। हालांकि हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव को रद्द करने की मांग नहीं उठी।

उन्होंने बताया कि बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जिन तरीकों का इस्तेमाल किया, वे लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी करवाकर चुनाव जीता है। इस आरोप को साबित करने के लिए तमाम सुबूत इकट्ठा किए जाने चाहिए। बैठक में अखिलेश के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत सपा के सभी नवनिर्वाचित विधायक मौजूद थे। अखिलेश यादव ने इस बात पर सहमती जताई कि आगे होने वाले सभी चुनावों में ईवीएम की जगह बैलट पेपर का इस्तेमाल होना चाहिए।

मालूम हो कि बसपा प्रमुख मायावती ने गत 11 मार्च को आए विधानसभा चुनाव के परिणाम में अपनी पार्टी की करारी शिकस्त के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने भाजपा को चुनौती दी थी कि अगर वह वाकई सही है तो मतपत्रों का इस्तेमाल कराकर चुनाव लड़े। मायावती ने ईवीएम मामले में अपनी लड़ाई को और तेज करने वाला बयान देते हुए कहा था कि वह ईवीएम में छेड़छाड़ के खिलाफ अदालत जाएंगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अब हर महीने की 11 तारीख को ‘काला दिवस’ मनाएगी। हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में सपा 47 सीटें जीतकर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी है। वहीं, बसपा को मात्र 19 सीटें ही मिली हैं।

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी कहा था कि ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका की वजह से भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी चुनाव में इसके इस्तेमाल के खिलाफ थे। इस बीच, चुनाव आयोग ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की कोई सम्भावना ही नहीं है, क्योंकि इस्तेमाल से पहले सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उसका निरीक्षण किया जाता है और उन सभी नुमाइंदों के संतुष्ट होने के बाद उनके द्वारा हस्ताक्षरित सील वाली ईवीएम को ही मतदान के लिए इस्तेमाल किया जाता है।