जानिए, क्या हुआ जब विदेशी महिला ने विवेकानंद जी के सामने रखा शादी का प्रस्ताव?

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 02:12 PM (IST)

यूपी डेस्क(अजय कुमार): युगपुरुष, प्रभावशाली अध्यात्मिक गुरू और करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी की आज 155वीं जयंती है। इस मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। विवेकानंद जी का मात्र 39 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया। इतने कम समय में ही उन्होंने अपने जीवन और सिद्धांतों से लोगों के सामने एक ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया जिससे न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी लोगों ने प्रेरणा ली। वैसे तो विवेकानंद जी के जीवन से जुड़ी कई रोचक जानकारियां हैं लेकिन हम आपको शिकागो में दिए गए उनके भाषण के दौरान की वो बातें बता रहे हैं जो यकीनन आप नहीं जानते होंगे-

दरअसल स्वामी विवेकानंद को भारत की तरफ से अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म परिषद में हिन्दू धर्म व भारतीय संस्कृति का शंखनाद करने के लिए भेजा गया था। जहां स्वामी विवेकानंद को पर्याप्त समय नहीं दिया गया और अल्प समय में ही उन्हें शून्य पर बोलने के लिए कहा गया। अपने भाषण के प्रारंभ में जब स्वामी विवेकानंद ने ‘अमेरिकी भाईयों और बहनों’ कहा तो सभा के लोगों के बीच करबद्ध ध्वनि से पूरा सदन गूंज उठा। उनका भाषण सुनकर विद्वान चकित हो गये। यहां तक वहां के मीडिया ने उन्हें ‘साइक्लॉनिक हिन्दू’ का नाम दिया। 

यह स्वामी जी के वाक् शैली का ही प्रभाव था जिसके कारण एक विदेशी महिला ने उनसे कहा-‘मैं आपसे शादी करना चाहती हूँ।’ विवेकानंद ने पूछा-‘क्यों देवी? पर मैं तो ब्रह्मचारी हूँ।’ महिला ने जवाब दिया-‘क्योंकि मुझे आपके जैसा ही एक पुत्र चाहिए, जो पूरी दुनिया में मेरा नाम रोशन करे और वो केवल आपसे शादी करके ही मिल सकता है मुझे।’ विवेकानंद कहते हैं-‘इसका और एक उपाय है’ विदेशी महिला पूछती है-क्या? विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए कहा-‘आप मुझे ही अपना पुत्र मान लीजिये और आप मेरी माँ बन जाइए ऐसे में आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल जाएगा और मुझे अपना ब्रह्मचर्य भी नहीं तोडऩा पड़ेगा।’ महिला हतप्रभ होकर विवेकानंद को ताकने लगी।