क्या नाेएडा के 'मनहूस' साये में फंस गए हैं याेगी आदित्यनाथ?

punjabkesari.in Friday, Jun 01, 2018 - 06:46 PM (IST)

यूपी डेस्कः राजनीतिक गलियारों में नोएडा को लेकर अंधविश्वास है कि इस शहर का दाैरा करने वाले मुख्यमंत्री सत्ता से हाथ धाे बैठते हैं। अब मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ की उपचुनावाें में लगातार हार के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या नोएडा का 'मनहूस' साया उनके पीछे लग गया है? 

दरअसल पिछले साल दिसंबर में योगी आदित्यनाथ ने नोएडा की यात्रा कर इस अंधविश्वास को तोड़ने की बहादुरी दिखाई थी कि जो नोएडा आता है, वह हार जाता है। लेकिन इसके बाद से यूपी में 4 चुनावों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।  

बता दें कि नोएडा के 'मनसूह साये' वाले अंधविश्वास की शुरुआत 1980 के दशक में वीर बहादुर सिंह के कार्यकाल के दौरान हुई थी। तब नोएडा ट्रिप से लौटने के तुरंत बाद उन्हें पार्टी ने हटा दिया था। इसके बाद से यूपी के मुख्यमंत्रियों ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा जाने से परहेज करने लगे। 

नाेएडा दाैरे के बाद इन मुख्यमंत्रियों की गई कुर्सी-
1.वीर बहादुर सिंहः अंधविश्वास की शुरुआत होती है सन् 1985 से जब वीर बहादुर सिंह की तीन साल की सरकार उनके नाेएडा दौरे के बाद गिर गई। 
2. एनडी तिवारीः इसके बाद कुछ ऐसा ही हाल एनडी तिवारी के साथ भी हुआ। 1989 में उन्हें भी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। 
3. कल्याण सिंहः 1995 में भी कल्याण सिंह को लेकर भी यही अफवाह उड़ाई गयी।
4. मुलायम सिंहः मुलायम सिंह भी इस अंधविश्वास का शिकार बने। उन्हें भी यूपी की सत्ता से हाथ धाेना पड़ा आैर नाम नाेएडा दाैरे से जाेड़ा गया।
5. मायावतीः अंधविश्वास से नफरत करने वाली मायावती का भी साथ इस टाेटके ने नहीं छाेड़ा। यूपी की सत्ता जाने पर उन्हें भी इस अंधविश्वास से जाेड़ दिया गया।

सत्ता जाने के डर से नाेएडा नहीं गए अखिलेश फिर भी गई सत्ता
अंधविश्वास के भूत ने अखिलेश यादव काे इस कदर डरा दिया कि वह इस चक्कर में नोएडा गए ही नहीं। यमुना एक्सप्रेसवे से लेकर तमाम सरकारी योजनाओं का उद्घाटन उन्होंने राजधानी में रहते हुए ही किया। लेकिन अंत में उनका भी हाल बाकियों की तरह ही हुआ। उन्हें तो बगैर नोएडा गए ही अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।

राजनाथ सिंह भी नहीं गए नाेएडा 
राजनाथ सिंह जब यूपी के सीएम बने तो अपने कार्यकाल में वह भी नोएडा नहीं गए। 

तमाम जुगत के बाद भी नेताआें काे नहीं मिला काेई फायदा 
एेसा नहीं है कि इस अन्धविश्वास से छुटकारा पाने के लिए नेताआें ने काेशिश नहीं की। अंधविश्वासों से पार पाने के लिए नेताओं ने बड़े-बड़े पुजारियों के दरवाजों पर भी दस्तक दी लेकिन काेई फायदा नहीं हुआ। 


 

Ajay kumar