नसीमुद्दीन का मायावती पर गंभीर आरोप, कहा-50 करोड़ न देने पर पार्टी से निकाला गया

punjabkesari.in Thursday, May 11, 2017 - 08:05 PM (IST)

लखनऊ: बहुुजन समाज पार्टी से निष्कासन के एक दिन बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज पार्टी सुप्रीमो मायावती पर आरोप लगाया कि उन्होंने संपत्ति बेचकर पचास करोड़ रूपये देेने के लिए कहा था और 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद मुसलमानांे को ‘गद्दार’ बताया था। 

पार्टी खत्म करना चाहते हैं मिश्रा और आनंद 
नसीमुद्दीन ने यहां एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया, ‘‘पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा एंड कंपनी मायावती और उनके भाई आनंद के साथ मिलकर पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि वह जानती हैं कि अब वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री तो दूर राज्यसभा की सदस्य भी नहीं बन सकतीं। इसलिये वह चाहती हैं कि पार्टी समाप्त हो जाये ताकि दलित समाज की वह पहली और आखिरी मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज हो और कोई अन्य दलित कभी प्रदेश का मुख्यमंत्री न बन पाये।’’  

फोन की कई रिकार्डिंग सुनाई 
उन्होंने मायावती के लोगों सेे अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताया। बसपा सुप्रीमो पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए नसीमुद्दीन ने फोन की कई रिकार्डिंग सुनाई और आरोप लगाया कि मायावती उनसे वसूली करने के लिये कहती थीं। 

मुसलमानों को कहा ‘गद्दार’
नसीमुद्दीन ने कहा, ‘‘2017 के विधानसभा चुनाव के बाद मुझे मायावती ने बुलाया और कहा कि मुसलमानों ने बसपा को वोट क्यों नहीं दिया। मंैने कहा कि कांग्रेस और सपा गठबंधन से मुसलमान भ्रमित हो गये और कांग्रेस-सपा गठबंधन के अलावा बसपा को भी कुछ वोट दिये। इस पर मायावती मुझसे सहमत नहीं थीं और मुसलमानों को ‘गद्दार’ कहा और मौलानाआें को अपशब्द कहें।’’ 

मायावती ने कांशीराम को भी दिखाया नीचा 
नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया, ‘‘मायावती ने कहा कि इन चुनावों में पार्टी को पिछड़ों और सवर्णों के अलावा अनुसूचित जाति के पासी, धोबी, सोनकर, वाल्मीकि और कोरी समाज ने वोट नहीं दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मायावती ने एक बैठक में पार्टी संस्थापक कांशीराम को भी नीचा दिखाया और जब मैंने इसका विरोध किया तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी।’’  

बसपा पर पूरी तरह से मिश्रा एंड कंपनी का कब्जा
नसीमुद्दीन ने मिश्रा पर आरोप लगाया, ‘‘बसपा पर पूरी तरह से मिश्रा एंड कंपनी का कब्जा है। मायावती को मिश्रा एंड कंपनी लैकमेल कर रहे हैं।’’  उन्होंने कहा कि मिश्रा 2003 से पार्टी में है जबकि ‘‘मैं पिछले 34 साल से, कांशीराम के समय से पार्टी में हूं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘मिश्रा नेे मेरे उपर आरोप लगाया कि मेरे पास अवैध बूचडख़ाने हंै, लेकिन मेरे पास वैध-अवैध किसी भी तरह का कोई बूचडख़ाना नहीं है। मेरे और मेरे बेटे पर जो भी आरोप लगाये गये हैं, निराधार हैं।’’ 

मेरे परिवार को मायावती से जान का खतरा 
नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि मायावती के कई गिरोह हैं। उनमें सेे एक आपराधिक गिरोह है जो मीडिया और विरोधी नेताआें पर हमले करने का काम करता है। ‘‘मुझे डर है कि मायावती का गिरोह मेरे और मेरे परिवार एवं रिश्तेदारों पर हमले करवा सकता है। मेरे और मेरे परिवार की जान को खतरा है।’’  उन्होंने कहा कि दलित समाज के लोगों को चाहिये कि वह बाबा साहेब अंबेडकर और कांशीराम के सपने को साकार करने के लिये एकजुट हांे। उन्होंने फिलहाल नयी पार्टी बनानेे से इंकार किया। नसीमुद्दीन ने मायावती से बातचीत के कई आडियो टेप भी जारी किये और बसपा सुप्रीमो के कथित भ्रष्टाचार का दावा किया। 

बेटी की मौत पर भी नहीं दिया छुट्टी
नसीमुद्दीन ने कहा कि मैं इन सब बातों का प्रमाण भी दे सकता हूं। नसीमुद्दीन मायावती से हुई अपनी बातचीत के बारे में आगे बताते हैं, मैंने उनसे कहा, आप बदायूं से चुनाव लड़ रही थीं। आपने मुझे इलेक्शन एजेंट और चुनाव प्रभारी बनाया था। उस वक्त मोबाइल नहीं थे। मैंने पीसीओ से फोन पर घर बात की। उस वक्त मेरी आठ साल की बड़ी बेटी बीमार थी। पत्नी ने कहा चले आओ, मुझे लगता है कि बचेगी नहीं। मैंने बहन जी से बात की। मैंने कहा कि मेरी सिर्फ एक बेटी है सबसे बड़ी संतान है। बोलीं, तुम चले जाओगे तो मैं चुनाव हार जाऊंगी, तुम्हें नहीं जाना चाहि‌ए। मैं नहीं गया, दूसरे दिन मेरी बेटी मर गई। इसके बाद भी बहन जी ने मुझे छुट्टी नहीं कहा जो होना था हो गया। नसीमुद्दीन ने कहा, सारे केस आप मुझ पर लगवाती रहीं। मेरी कोई कुर्बानी नहीं याद है आपको? थोड़ी देर में आनंद भाई साहब और सतीश मिश्रा जी आ गए फि‌र मैं बता नहीं सकता क्या सुलूक हुआ मेरे साथ। ये मुझे बार-बार फोन करती रहीं कि क्या प्रोग्रेस है।