अब नवाबाें के शहर में भी फर्ऱाटा भरेगी मेट्राे, याेगी-राजनाथ ने दिखाई हरी झंडी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 05, 2017 - 02:56 PM (IST)

लखनऊः अभी तक नवाबों के शहर के रूप में देश-दुनिया में प्रसिद्ध लखनऊ अब मेट्रो सिटी के रूप में भी जाना जाएगा। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आैर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी दिखाई। हालांकि मेट्रो का संचालन मंगलवार यानि कि आज से अधिकारिक रूप से हुआ है जबकि आम नागरिकों के लिए इसे बुधवार से शुरू किया जाएगा। लंबे समय से इंतजार कर रहे लखनऊवासी अब इसका लुत्फ उठा सकेंगे। 

आज का दिन एतिहासिक-राजनाथ
इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का दिन न केवल लखनऊवासियों के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन है। लखनऊ में 104 किलोमीटर के रिंग रोड का काम शुरू हो गया है, अगले तीन साल में यह काम पूरा कर लिया जाएगा।आगामी डेढ़ साल में मेट्रो की सुविधा मुंशी पुलिया तक पहुंच जाएगी, जिसके बाद लोगों को सफर करने में काफी सहूलियतें मिलेंगी। 

अब मेट्रो शहर के नाम से जाना जाएगा लखनऊ-राजनाथ
राजनाथ ने कहा कि 25 अगस्त 2014 को पब्लिश इंवेस्टमेंट बोर्ड ने जब दिल्ली में लखनऊ मेट्रों को हरी झंडी मिली थी तो उस दिन मुझे बहुत खुशी हुई थी। अब लखनऊ नवाबों के शहर के साथ मेट्रो शहर के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश के यशस्वी और कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई। 

लखनऊ मेट्रो से लोगों को मिलेगी जाम से मुक्ति-योगी 
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2019  तक मेट्रो का पूरा काम हो जाएगा, इसके बाद लोगों को काफी सहूलियत होगी। लखनऊ मेट्रो से लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी।अब मेट्रो का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, कल से यह जनता के लिए शुरू हो जाएगा।लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव और मेट्रो मैन ई श्रीधरन को मैं विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम का सपना है कि देश के 50 शहरों में अगले तीन साल में मेट्रो की सुविधा होनी चाहिए। लखनऊ के साथ कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, झांसी, मेरठ, वाराणसी में भी मेट्रो का काम होना है। 

अखिलेश सरकार की ड्रीम प्रोजैक्ट थी लखनऊ मेट्रो
बता दें कि लखनऊ मेट्रो अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजैक्ट है। जिसे विधानसभा चुनाव से पहले ही तत्कालीन सीएम अखिलेश ने हरी झंड़ी दिखा दी थी। यूपी की सत्ता छिनने के बाद अखिलेश के इस प्रोजेक्ट की रफ्तार मंद पड़ गई। 6 महीने बाद पूरे हुए इस प्रोजेक्ट को अब योगी सरकार भुनाने की कोशिश में लगी हुई है।