‘समाजवादी पेंशन योजना’ संकट में, योगी सरकार तुड़वा सकती है अखिलेश की साइकिल ट्रैक

punjabkesari.in Wednesday, Apr 12, 2017 - 09:15 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं की धनराशि को दोगुना करने के संबंध में अधिकारियों को गहन समीक्षा के बाद कैबिनेट में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। योगी ने मंगलवार को यहां समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ-साथ इस विभाग की कार्य प्रणाली के संबंध में प्रस्तुतिकरण देखा। प्रस्तुतिकरण के बाद उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं जैसे-वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना, राज्य पेंशन योजना इत्यादि के विषय में जानकारी प्राप्त करते हुए विभाग विधवा, दिव्यांगजन तथा वृद्धावस्था पेंशन के तहत उपलब्ध कराई जा रही 500 रुपए प्रतिमाह की धनराशि को दोगुना करने के संबंध में गहन समीक्षा करने के उपरान्त कैबिनेट में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

समाजवादी योजना पर रोक
योगी ने पिछली सरकार द्वारा संचालित समाजवादी पेंशन योजना को रोकते हुए इसके तहत पात्रता की जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह पता लगाया जाए कि जिन लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, वे इसके पात्र हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ सिर्फ पात्रों को ही दिया जाए। उन्होंने इस जांच को एक महीने में पूरा करने के निर्देश दिए। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री पेंशन योजना करने का प्रस्ताव प्रस्तुतिकरण के दौरान दिया गया। इस योजना के तहत अति दलित जैसे-मुसहर, नट, कंजड़ आदि तथा बनटांगियां समुदाय के व्यक्तियों को शामिल करते हुए, उन्हें लाभान्वित करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने पेंशन दिवस मनाने के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई।

शादी अनुदान योजना का बदला नाम
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति की पुत्रियों की शादी के लिए अनुदान योजना के तहत पात्रता के विषय में जानकारी लेते हुए कहा कि इस योजना को सामूहिक विवाह योजना के रूप में लागू किए जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे गरीब कन्याओं का दहेजरहित विवाह हो सकेगा और दहेज रूपी कुप्रथा के विरुद्ध काम करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह करने पर खर्च भी कम होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम कन्यादान योजना रखा जाए। उन्होंने ने सभी योजनाओं को भारत सरकार की योजनाओं से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि इससे केन्द्र सरकार से धन मिलने में आसानी होगी और इन्हें लागू करने में धन की कमी आड़े नहीं आएगी।

साइकिल ट्रैक तोड़ने पर विचार
योगी सरकार अखिलेश की एक और महात्वाकांक्षी योजना समाजवादी साइकिल ट्रैक पर भी हथौड़ा चलाने का विचार कर रही है। पिछली सरकार ने लखनऊ से लेकर नोएडा समेत यूपी के कई शहरों में साइकिल ट्रैक बनाए थे। सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार लखनऊ, नोएडा जैसे शहरों में साइकिल ट्रैक ख़त्म करना चाहती है। सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर साइकिल ट्रैक हटाने की योजना है। इस सिलसिले में वित्त, नगर विकास और पीडब्लूडी मन्त्रियों से चर्चा हुई है, लेकिन अभी कोई आख़िरी फ़ैसला नहीं हुआ है।

पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना पर ध्यान
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए लागू पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना की कमियों को दूर करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें व्याप्त गड़बड़ियों को दूर कर, इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस योजना के संबंध में कोई शिकायत न मिले। उन्होंने इस योजना के तहत विमुक्त जातियों जैसे-भर, कोरी इत्यादि को लाभान्वित करने की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लागू पूर्वदशम छात्रवृत्ति की कमियों को भी दूर करते हुए प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने वर्ष 2017-18 हेतु छात्रवृत्ति मास्टर डाटा को अपडेट करने के भी निर्देश दिए।

अत्याचार उत्पीड़न पर आर्थिक सहायता पर पुनर्विचार
योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अत्याचार उत्पीड़न के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता देने से पहले यह सुनिश्चित की लिया जाए कि इसका दुरुपयोग न होने पाए। उन्होंने कहा कि पीड़ित की मदद चार्जशीट के बाद समयबद्ध ढंग से की जाए।  मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों, परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों तथा छात्रावासों के विषय में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इनका संचालन भली-भांति किया जाए और इनकी व्यवस्था दुरुस्त की जाए।

थारू जनजाति के लिए योजना
योगी ने थारू जनजाति तथा सोनभद्र सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में निवास कर रही अनुसूचित जनजातियों के संबंध में एक विशेष कल्याण योजना बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई इत्यादि की व्यवस्था की जाए। मौके पर जाकर स्थिति का आकलन किया जाए, ताकि इन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

वहीं मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित उत्तर प्रदेश सामाजिक आयोग के गठन पर विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा निर्गत कल्याण कार्ड में समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदत्त सुविधाओं के अंकन के संबंध में कहा कि इसे बीपीएल कार्ड से जोड़ते हुए इसका लाभ लाभार्थियों को दिया जाएगा।  उन्होंने 100 दिन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में मौजूद वृद्धाश्रमों की व्यवस्था ठीक की जाए। जहां पर परिवार मौजूद है, ऐसी दशा में मां-बाप को पेंशन योजना के तहत आच्छादित कर लाभान्वित किया जाए, ताकि वे अपने परिवार के साथ ही रह सकें और उन्हें वृद्धाश्रम जाने की आवश्यकता न पड़े। बैठक में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।