उपचुनाव से पहले योगी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, 17 OBC जातियों को SC में किया शामिल

punjabkesari.in Saturday, Jun 29, 2019 - 11:39 AM (IST)

लखनऊः यूपी विधानसभा उपचुनाव से पहले योगी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। दरअसल, 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की लिस्ट में शामिल कर दिया है। अब इन सभी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

बता दें कि, यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के अनुपालन में किया है, जिसमें अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने को कहा गया था। राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को इन जातियों के परिवारों को प्रमाण दिए जाने का आदेश भेज दिया है। इस मामले में दिसंबर 2016 में पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित 17 जातियों कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गौड़, माझी और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने से संबंधित शासनादेश जारी किया गया था। इस शासनादेश के खिलाफ डॉ. बीआर आंबेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस पर न्यायालय ने अग्रिम आदेश तक स्टे दे दिया था।
मामले में 29 मार्च, 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस शासनादेश के तहत कोई भी जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो वह न्यायालय के अंतिम फैसले के अधीन होगा। इस आदेश के अनुपालन में प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने शासनादेश जारी किया है। उसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट द्वारा 29 मार्च, 2017 को पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए परीक्षण के उपरांत सुसंगत अभिलेखों के आधार पर नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।

गौरतलब है कि पिछले करीब दो दशक से इन 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की कोशिशें की जा रही हैं। समाजवादी पार्टी और बसपा सरकारों में भी इन्हें अनुसूचित जाति में शामिल तो किया गया, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। योगी सरकार के इस फैसले का दारोमदार भी इस बाबत निकट भविष्य में न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले अंतिम फैसले पर टिका है।

Deepika Rajput