योगी के मंत्री के प्रतिनिधि की गुंडागर्दी, जमीन नापने गए कानूनगो को पीटा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 21, 2017 - 04:38 PM (IST)

गाजीपुर(अनिल कुमार): सीएम योगी एक तरफ पार्टी से जुड़े संगठनों की गुंडागर्दी से परेशान हैं तो दूसरी तरफ सहयोगी पार्टियां भी उनकी समस्या बढ़ाने में जुटी हैं। ताजा मामला गाजीपुर का है । जहां कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के भाई तथा प्रतिनिधि ने जमीन पैमाइश करने के लिए गए कानूनगो को पीट दिया। वारदात का शर्मनाक पहलू यह भी रहा कि तहरीर दिये जाने के कई दिनों के बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट नहीं दर्ज की और मामले को रफा-दफा करने में जुटी रही। वहीं जब मामला मीडिया में आया तो मंगलवार देर शाम पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालना, मारपीट, एससी,एसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल जहूराबाद परगना के सहज रामपुर गांव में एक भूमि की नापी की खातिर सीएम के यहां से आदेश आया था। डीएम संजय कुमार खत्री ने जमीन की पैमाइश कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। इसके अनुपालन में 14 जून को चकबंदी कानूनगो बालचंद राम, लेखपाल प्रदीप कुमार और एसीओ राम मिलन यादव गांव के चक संख्या 127 के प्रस्तावित गाटा संख्या 91 की पैमाइश करने के लिए शाम चार बजे पहुंच गये। इसकी भनक मिलने के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने राजस्वकर्मियों को घेर लिया। 

पीड़ित राजस्वकर्मियों का कहना है कि जैसे ही पैमाइश शुरू की इससे सटे गाटा संख्या 89 और 90 के स्वामी भासपा जिलाध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि रामजी राजभर और मंत्री के भाई राजनेता राजभर पैमाइश रोकने को कहने लगे। इसी बात को लेकर पैमाइश करने आई राजस्व कर्मियों की टीम के सदस्यों और दोनों काश्तकारों में कहासुनी होने लगी। मंत्री की धौंस देने के बावजूद राजस्वकर्मियों को न रुकता देख मंत्री प्रतिनिधि और उनके भाई ने गाली गलौज के साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के चलते पैमाइश नहीं हो सकी और टीम के अन्य अधिकारी, कर्मचारी आतंकित होकर भाग निकले।

जाति सूचक शब्दों के साथ की गई मारपीट
 पीड़ित कानूनगो बालचंद राम ने तहरीर में लिखा है कि दलित जाति सूचक शब्दों से गाली देते हुए मुझे मारा पीटा गया है। 

डीएम के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
वही कई दिन तक मंत्री प्रतिनिधि के द्वारा दबाव बनाये जाने के चलते मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया। लेकिन जब जिलाधिकारी संजय खत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया तो कल देर शाम मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले पर जिलाधिकारी ने नामजद अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी की बात कही है। 

जिलाधिकारी पर बनाया दबाव
अपने ऊपर मुकदमा होते देख मंत्री प्रतिनिधि ने आज सैकड़ों ग्रामीणों के साथ जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जिलाधिकारी पर दबाव बनाने का काम किया। जखनिया विधायक के साथ कानूनगो और राजस्व टीम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर उन्हें पद से हटाने का पत्रक सौंपा।

सरकार जहां गुण्डागर्दी कम करने की बात कह रही है वही मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने 11 मई को कासिमाबाद में मंच से बयान देते हुए कहां था कि भाजपा या भासपा के कार्यकर्ता और नेता गलत काम की पैरवी करने थाने जाये तो उन्हे दस दस लाठी मारो। वहीं उन्हीं के प्रतिनिधि द्वारा सरकारी कर्मियों को सरकारी काम के दौरान मारे जाने की घटना कहीं ना कहीं इनकी दोहरी राजनीति को उजागर कर रही है।

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