स्कूल प्रबंधन की प्रताडऩा से सहमे मासूम ने लगाई फांसी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 08, 2015 - 02:44 PM (IST)

लखनऊ: स्कूलों में पढऩे वाले मासूमों को प्रताडि़त न करने के शासन प्रशासन द्वारा चाहे जितने प्रयास कर लिए जाएं लेकिन पब्लिक स्कूलों में जिम्मेदार शासन के सभी निर्देशों की धज्जियां बिखेरने में कोई कोर-कसर नहीं रख रहा। मोटी फीस वसूलकर अनुशासन के नाम पर संवेदनहीन स्कूल प्रबंधन की प्रताडऩा से सहमे एक 13 वर्षीय बच्चे ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बच्चे के पिता ने पुलिस में तहरीर दे दी है।
 
मामला चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय बांदा के प्रतिष्ठित स्कूल विद्यावती निगम मेमोरियल पब्लिक स्कूल का है जहां गर्मी से निजात पाने के लिए 13 वर्षीय आठवीं के छात्र शाश्वत ने एसी की ग्रिल अपनी तरफ घूमाने की मामूली गलती की थी जिसके लिए इस मासूम को स्कूल के शिक्षकों ने कमरे में बंद कर पीटा और उसके परिजनों को मासूम को स्कूल से निकालने की धमकी दे दी। स्कूल से पिटकर शाश्वत घर और इसी आहत होकर उसने घर की छत में लगे ग्रिल में रस्सी के सहारे फांसी लगा ली। उसके परिजन वहां जबतक पहुंचते उसकी मौत हो चुकी थी।
 
शाश्वत की इस तरह से मौत पर घर में कोहराम मच गया। मृतक की बहन और उसके सहपाठी बच्चों ने बताया कि मृतक शाश्वत ए.सी. अपनी तरफ कर दिया था जिसकी वजह से उसे कई टीचरों ने कमरे में ले जाकर टॉर्चर किया था और उसे स्कूल से निकालने की धमकी दी थी। बताया गया कि इसके पहले भी कई मासूमों के साथ इस प्रतिष्ठित विद्यालय में करंट तक की घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें कई बच्चे झुलस भी चुके हैं लेकिन स्कूल प्रबंधन ने हर बार मामले की लीपापोती कर ली।
 
मासूमों को किसी भी तरह से टॉर्चर करना एक गंभीर अपराध है लेकिन पैसे और रसूख के बल पर स्कूल प्रबंधक क़ानून की धज्जियां तो उड़ा ही रहे हैं साथ ही असंवेदनहीन स्टाफ के चलते आज एक मासूम की जान चली गयी। अब देखना ये है कि शासन प्रशासन इस कुकृत्य पर कोई कार्यवाही करता है स्कूल प्रबंधन के रसूख के आगे फिर घुटने टेक देता है।