भाजपा शासित राज्यों में दलित उत्पीडऩ की घटनाओं में बढ़ोत्तरी चिंता का विषय: मायावती

punjabkesari.in Monday, Sep 26, 2016 - 04:24 PM (IST)

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दलित प्रेम का दिखावा करने का आरोप लगाते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि गुजरात और हरियाणा समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों में दलितों के उत्पीड़न की बढ़ती घटनाये चिंता का सबब बनी हुयी है। मायावती ने कहा कि पिछले शनिवार को गुजरात के बांसकाँठा जिलेे के अमीरगढ़ गांव में मृत गाय को हटाने के काम से इन्कार पर दलित परिवार पर जानलेवा हमला किया गया और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुये कथित गोरक्षकों ने गर्भवती महिला के पेट पर मारा जो दुखद और निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य में गोहत्या व गोरक्षा के नाम पर जातिवादी घटनाओं का सिलसिला कब थमेगा। इसका जवाब भाजपा नेतृत्व में किसी के पास नही है। ‘गोरक्षा’ के नाम पर बर्बर दलित काण्ड के परिणामस्वरूप गुजरात के दलित समाज ने स्वाभिमान के साथ जीवन व्यतीत करने के लिये जारी अपने संघर्ष के क्रम में विशेषकर मृत गायों आदि को उठाने का काम बन्द कर रखा है।  

मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दलितों के हित व कल्याण का ङ्क्षढढोरा पीटते रहते हैं और परमपूज्य बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर का भी अनुयायी होने का दावा करते रहते हैं, मगर इस हकीकत को स्वीकारने से हिचकते हैं कि केन्द्र में उनकी सरकार बनने के बाद गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि भाजपा-शासित राज्यों में दलितों पर उत्पीडऩों की घटनायें काफी बढ़़ी है। दलित उत्पीडऩों से जुड़ी घटनाओं के संबंध में सन्तोषजनक कानूनी कार्रवाई नहीं करना भी यह दर्शाता है कि भाजपा का नया-नया उभरा ‘दलित प्रेम’ वास्तव में मात्र दिखावा व छलावा है तथा इसका राजनैतिक व चुनावी उद्देश्य है।

यही कारण है कि दलित ऊना काण्ड के साथ-साथ हैदराबाद के दलित मेधावी छात्र रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिये मजबूर करने के मामले में खासकर उसकी मां को केन्द्र सरकार की तरफ से आज तक भी इन्साफ नहीं मिल पाया है। उन्होंने गुजरात सरकार से माँग की कि वह दलितों द्वारा वहाँ जारी उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के संघर्ष का सम्मान करें और उनको सुरक्षा प्रदान करने की संवैधानिक जिम्मेदारी को निभाने के साथ-साथ दलित परिवार पर हुए जुल्म-ज्यादतियों व उत्पीडऩ के मुख्य दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें ताकि ऐसी घटनाओं को आगे होने से रोका जा सके।