मोदी को आंकड़ों के बारे में नहीं पता तो वह किसानों का क्या भला करेंगे: अजीत सिंह

punjabkesari.in Monday, Aug 29, 2016 - 07:11 PM (IST)

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मात्र प्रचार के प्रति आसक्त होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि अक्सर अपने बयानों में विरोधाभासी आंकड़े देने वाले मोदी को तथ्यों की जानकारी नहीं रहती। सिंह ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल में सहारनपुर में अपनी रैली के दौरान कहा कि किसानों का 700 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया रह गया है। खबरों में आया कि 700 नहीं बल्कि पांच हजार करोड़ रुपये बकाया है। फिर मोदी स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से कहते हैं कि उन्होंने किसानों के बकाया का 99 प्रतिशत मूल्य अदा करवा दिया है। 

 
उन्होंने कहा कि मोदी को आंकड़ों के बारे में पता ही नहीं रहता। वह किसानों का क्या भला करेंगे। मोदी को प्रचार बहुत अच्छा लगता है। उनके चुनावी वादे तो जुमले मात्र बनकर रह गये। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और अपराध चरम पर है। यह खुद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव स्वीकार कर रहे हैं। सवाल यह है कि इस स्थिति के लिये जिम्मेदार कौन है। दरअसल हालात सुधारने की किसी की मंशा ही नहीं है। 
 
पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री ने प्रदेश में विकराल हुई बाढ़ के लिये भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बांधों के रखरखाव के लिये आबंटित धनराशि को जिम्मेदार लोग हड़प कर गये। उन्होंने राज्य पुनर्गठन की मांग एक बार फिर उठाते हुए कहा कि आबादी के लिहाज से दुनिया का पांचवां सबसे बड़े देश के बराबर आंके गये उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिये उसका पुनर्गठन जरूरी है।
 
सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विकास के नाम पर अमौसी हवाई अड्डे से लेकर कुछ किलोमीटर मेट्रो रेल और एक हाईवे के अलावा ऐसा कुछ नहीं किया जिससे प्रदेश का विकास कहा जाये। प्रदेश में बाढ़ की विभिषिका के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण बाढ़ नहीं आई बल्कि बांध टूटने की वजह से बाढ़ के हालात पैदा हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि बांध बनाने के नाम पर पैसा तो आवंटित हुआ लेकिन वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। 
 
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी समान विचार वाले दलों से नीति और सिद्धान्तों के आधार पर गठबंधन कर सकती है और अगर गठबंधन नहीं हुआ तो वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि इन दलों ने किसानों के हितों के लिए कोई काम नहीं 
किया। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के समय जो भी वादे किए उनमें से कोई पूरा नहीं हुआ। बेरोजगारों को ऐसा लगता था कि मोदी के सत्ता में आने पर 15 दिन में उन्हें नियुक्ति पत्र मिल जायेगा और 15 लाख रुपये सभी के खातों में जमा हो जायेंगे। केन्द्र सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात करती है जबकि उन्हें फसलों की उत्पादन लागत भी नहीं मिल पा रही है। गन्ना किसानों के बकाया के सही आंकडे भी प्रधानमंत्री को पता नहीं है और सहारनपुर और गोरखपुर की सभाओं में जो आंकडे दिए वे गलत थे। हो सकता है कि पीएमओ को ही ऐसे आंकडे दिए गये हों। 
 
रालोद अध्यक्ष ने पार्टी के राज्य पुनर्गठन के पुराने मुद्दे का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश को जब तक चार हिस्सों में नहीं विभाजित किया जायेगा, विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से दुनिया का पांच देश है और इतने बड़े प्रदेश में एक स्थान पर बैठकर शासन चलाना संभव नहीं है। प्रदेश का चार हिस्सों में विभाजन जरुरी है लेकिन समाजवादी पार्टी इसके पक्ष में नहीं जबकि अन्य राजनीतिक दल छोटे राज्यों की पक्षधर हैं। उन्होंने बताया कि रालोद में आज प्रदेश के पूर्व मंत्री वंश नारायण सिंह पटेल के अलावा श्रीमती अमरावती पटेल, पूर्व ब्लाक प्रमुख जौनपुर समेत अन्य 35 लोगों ने सदस्यता ग्रहण की। पार्टी में शामिल होने वाले अन्य लोगों में एडवोकेट श्रीमती मंजूषा कपिल, अखिलेश जायसवाल, कंचन बाला सिंह, श्रीमती मधुबाला सिंह, राजीव वर्मा, मनीष वर्मा समेत बडी संया में वकील शामिल हुए। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 मसूद ने पार्टी में शामिल होने वाले लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि इन लोगों के आने से प्रदेश में उनके संगठन को मजबूती मिलेगी।