पारिवारिक घमासान के बीच मुलायम को बड़ा झटका देने की तैयारी में बीजेपी

punjabkesari.in Thursday, Oct 20, 2016 - 02:54 PM (IST)

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव के गृहक्षेत्र इटावा में अगले सप्ताह एक विशाल संकल्प सभा करने जा रही है और कानपुर-इटावा क्षेत्र में पहली बार यादव वोट बैंक के जवाब में ब्राह्मणों एवं गैर यादव पिछड़ों को लामबंद करेगी। भाजपा की संकल्प सभा 27 अक्टूबर को होगी जिसमें पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य भी शिरकत करेंगे। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के भी इस सभा में शामिल होने की संभावना है। हालांकि उनके कार्यक्रम की अभी पुष्टि नहीं हुई है।

 पार्टी के सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने इटावा में संकल्प सभा करने का ऐसे समय निर्णय लिया है जब मुलायम सिंह यादव के परिवार में सत्ता को लेकर घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने संकल्प रैली में सपा के परिवारवाद पर जबरदस्त प्रहार करके यादव वोट बैंक में सेंध लगाने तथा इस इलाके में प्रभावी वोट बैंक ब्राह्मणों तथा गैर यादव पिछड़ी जातियों को लामबंद करने का प्रयास करेगी। इस क्षेत्र में प्रमुख गैर यादव पिछड़ी जातियों में कुशवाहा, बघेल, मल्लाह, शाक्य, लोधी प्रमुख है। भाजपा ने संकल्प सभा में पूरे क्षेत्र से लाखों की संख्या में लोगों को लाने की तैयारी की है। 

सूत्रों का कहना है कि संकल्प सभा इस क्षेत्र में भाजपा का मेगाशो होगा। यह इस क्षेत्र में पार्टी का अब तक की सबसे बड़ी जनसभा होगी। पार्टी ने ब्राह्मणों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए संकल्प सभा के आयोजन की कमान बहुजन समाज पार्टी से भाजपा में आये उन्नाव, हरदोई के प्रमुख ब्राह्मण नेता ब्रजेश पाठक को सौंपी है। 

पाठक ने कहा कि सपा के इस गढ़ में भाजपा कभी सफलता हासिल नहीं कर पायी है। लेकिन अब भाजपा यादव के घर में उनके परिवारवाद और परिवार में सत्ता के लिये कलह की असलियत उनके मतदाताओं को बतायेंगे। उन्होंने कहा कि इटावा की संकल्प सभा का संदेश पूरे राज्य में जायेगा और फिर जगह जगह संकल्प सभायें आयोजित कीं जायेंगी। उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के लोग सपा के किले को ध्वस्त होते देखेंगे। 

उत्तर प्रदेश में इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद एवं कन्नौज क्षेत्र भाजपा के लिए विगत दो दशकों से कमजोर रहा है और सपा का मजबूत गढ़ रहा है। पार्टी के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद इस क्षेत्र से भाजपा का कोई बड़ा नेता नहीं हुआ और पार्टी भी जड़ें नहीं जमा पायी। यहां तक कि पड़ोस के एटा कासगंज क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का दबदबा होने के बावजूद वह सपा के इस गढ़ में सेंध नहीं लगा पाये। यहां तक कि सपा अगर चुनाव हारी भी है तो भी उसने इस इलाके में अपना दबदबा कायम रखा। वर्ष 2014 के लोकसभा के चुनाव में जब भाजपा ने अपना दल के साथ मिलकर 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तब भी मुलायम सिंह यादव ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और यहां मैनपुरी से चुनाव जीता था। बाद में यादव ने मैनपुरी से इस्तीफा देकर उपचुनाव में अपने भाई के पोते तेजप्रताप सिंह यादव को चुनाव लड़वाया और जिताया था।