असम में फर्श से अर्श तक किसके दम पर पहुंची बीजेपी, जानिए..

punjabkesari.in Friday, May 20, 2016 - 04:23 PM (IST)

कानपुर: अब तक के इतिहास में बीजेपी ने असम में पहली बार जीत का झंडा फहराया। पार्टी ने राज्य की 126 सीटों में से 86 पर जीत दर्ज की। खास बात यह है कि बीजेपी नॉर्थ ईस्ट में पहली बार सरकार बनाएगी। इस अप्रत्याशित जीत के पीछे कई वजह हैं। लेकिन जीत के नायक के रूप में एक नाम सामने आया है रजत सेठी। पेशे से राजनीतिक रणनीतिकार रजत सेठी को बीजेपी के महासचिव राम माधव असम चुनाव में रणनीति बनाने को लेकर आए थे।  

कौन हैं रजत सेठी?
कानपुर के रहने वाले रजत सेठी ने आइआइटी खडग़पुर से पढ़ाई की है। इसके बाद वे पब्लिक पॉलिसी में हार्वर्ड  यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने अमेरिका चले गए। रजत वल्र्ड बैंक में भी काम कर चुके हैं। 
 
राम माधव के कहने पर आए भारत
2014 में अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान रजत सेठी की मुलाकात बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव से हुई। इसके बाद वे एक दूसरे के संपर्क में रहे। इस बीच राम माधव को रजत सेठी की रणनीतिक क्षमता का अंदाजा लग चुका था। इसीलिए उन्होंने असम चुनाव में प्रशांत किशोर की तर्ज पर रजत को जिम्मेदारी सौंप दी। नतीजा असम के चुनावी नतीजों में बीजेपी ने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।  
 
हार्वर्ड में सीखी बातों का किया इस्तेमाल 
एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में रजत ने बताया कि उन्होंने हार्वर्ड के केनेडी स्‍कूल से सीखीं चीजों का इस्तेमाल करते हुए सार्वजनिक संवाद के लिए एक पूरी सीरीज-आपसी बातचीत, असम निर्माण पर बैठकें आदि शुरू कीं। जिसमें अरुण जेटली जैसे शीर्ष केंद्रीय मंत्री रोजगार निर्माण और महिला अधिकारों और टी एस्टेट के श्रमिकों के लिए बेहतर नीतियों के जरिये पूर्वोत्तर का विकास करने के बारे में जानकारी देते थे।
 
फेसबुक और ट्विटर से जाना लोगों की राय
रजत बताते हैं कि उन्‍होंने फेसबुक और ट्वटिर के जरिये नई नीतियों की जानकारी लेकर लोगों के उनके बारे में राय जानी और फिर इनका उपयोग जमीनी अभियान में किया। वैसे, रजत कहते हैं कि आईटी केवल इतना ही 
कर सकती है।
 
‘मैं तो बस उस टीम का एक हिस्सा था’
रजत ने कहा कि बीजेपी ने असम में ‘बंपर’ सफलता करिश्‍माई सर्वानंद सोनवाल और हिमंत विश्व शर्मा की जोड़ी के ही कारण ही हासिल की। सेठी विनम्रता से कहते हैं, ‘‘राम माधवजी की ओर से तैयार की गई टीम के एक हिस्से के रूप में ही मैंने काम किया। साथ ही कहा कि इस सफलता का सारा श्रेय राम माधव को जाता है।’’ 
 
2014 के आम चुनावों में जिस तरह से प्रशांत किशोर की रणनीति के तहत बीजेपी ने फतह हासिल की। ठीक उसी तरह रजत सेठी की रणनीति के दम पर बीजेपी ने असम में भी जीत की पताका लहराई। आज प्रशांत किशोर कांग्रेस में हैं। एक बात साफ है कि अब चुनावों में रणनीतिकारों का बोलबाला दिखने लगा है।