नोएडा में प्रधानमंत्री की अगुवाई नहीं करेंगे अखिलेश

punjabkesari.in Wednesday, Dec 30, 2015 - 02:56 PM (IST)

नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री की अगुवाई करने नोएडा नहीं जाएंगे। उन्होंने अपने प्रतिनिधि के रूप में पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव को समारोह में शिरकत करने के लिए भेजा है। प्रधानमंत्री सेक्टर-62 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करने नोएडा आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिंक्स (अंधविश्वास) की वजह से सीएम ने नोएडा नहीं जाने का फैसला किया है। 
 
आपको बता दें कि यह अजीब इत्तेफाक ही है कि उत्तर प्रदेश के सियासी दिग्गज नोएडा आने से कतराते है. इसके पीछे की वजह है सता गवां देने का डर। जी हां, इसे संयोग ही कहेंगे की जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान यहां आया उसे सत्ता गंवानी पड़ी है। इसी कारण से प्रोटोकॉल को दर किनार करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नोएडा नहीं जा रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब सीएम अखिलेश ने नोएडा दौरे को रद्द किया हो। इससे पहले भी अगस्त 2012 में भी मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेस वे का उद्घाटन नोएडा के बजाय लखनऊ से किया था।

किसने-किसने गंवाई सत्ता?
इस अंधविश्वास की शुरुआत 1988 से हुई जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया और कुछ दिनों बाद उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा। इसके 1989 में नारायण दत्त तिवारी, 1995 में मुलायम सिंह यादव, 1997 में मायावती और 1999 में कल्याण सिंह को भी नोएडा की यात्रा के कुछ समय बाद सत्ता से हटना पड़ा था। मायावती के साथ तो यह दूसरी बार हुआ जब वह 2011 में प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करने यहां पहुंची और उन्हें 2012 में सत्ता से हाथ धोना पड़ा। इन आंकड़ों को देखने के बाद तो यही लगता है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नोएडा आकर कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते जिसकी वजह से उनकी सत्ता जाए।

अखिलेश ने कहा था कि तोड़ेंगे अंधविश्वास
अखिलेश ने अप्रैल, 2015 में नोएडा की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी की नींव लखनऊ से ही रखी थी। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि तमाम अंधविश्वासों के चलते नोएडा जाने पर पाबंदी है लेकिन वे जल्द ही इसे तोड़ेंगे।