सपा के एक और पुराने नेता ने पार्टी से किया किनारा

punjabkesari.in Sunday, Dec 17, 2017 - 12:21 PM (IST)

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता। यह कहावत समाजवादी पार्टी में जारी उठापठक पर सटीक बैठ रही है। हर दिन किसी ना किसी सपा नेता के इस्तीफे की खबर आ ही जा रही है। वह दिन भी दूर नहीं जब सपा नेताओं के लगातार इस्तीफों से अखिलेश के नेतृत्व पर भी सवाल उठने लगेंगे। जब से अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में मिली हार की समीक्षा शुरू की है तभी से इस्तीफों का सिलसिला चल पड़ा है। अबकी बार तो सपा के एक बड़े व पुराने नेता ने इस्तीफ़ा देकर अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी है।

गाजियाबाद के इस नेता ने दिया इस्तीफ़ा
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ़ हो चुका है। इस निकाय चुनाव के परिणाम भी काफी कुछ यूपी के विधानसभा चुनावों जैसे ही रहे हैं। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने लगातार 2 चुनावों में मिली हार की समीक्षा शुरू कर दी है। इस बीच समाजवादी पार्टी के साथ 24 सालों से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। गाजियाबाद के मोदीनगर के पूर्व चेयरमैन रामासरे शर्मा ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है।

सपा से खत्म् किया 24 वर्षों का रिश्ता
रामसरे शर्मा का सपा से 24 वर्षों का रिश्ता था। पूर्व चेयरमैन रामआसरे शर्मा बीते 24 सालों से समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। साथ ही रामआसरे शर्मा साल 1993, 2012, 2017 का विधानसभा चुनाव और साल 1993 का लोकसभा चुनाव भी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लड़ चुके हैं। बीते दिन मोदीनगर में प्रेस कांफ्रेंस कर रामआसरे शर्मा ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया।

हार के लिए पार्टी को बताया जिम्मेदार
रामासरे शर्मा ने निकाय चुनाव में मिली हार का जिम्मेदार भी उन्होंने खुद समाजवादी पार्टी को बताया। रामआसरे शर्मा का आरोप है कि 2012 में उनकी पत्नी यहाँ से चेयरमैन थी। उस दौरान कई बार उनके वित्तिय अधिकारों को सीज कर दिया गया था। सरोज शर्मा के पति एवं समाजवादी पार्टी नेता रामआसरे शर्मा का कहना है कि बार बार वित्तीय अधिकार सीज किये जाने के पीछे स्थानीय विधायक सुदेश शर्मा का हाथ था। क्षेत्र के विकास में विधायक सुदेश शर्मा अवरोध बनने का काम कर रहे थे। नगर पालिका अधिकारी आरके प्रसाद विधायक सुदेश शर्मा के मंसूबों को पूरा करने का काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार सपा के कई वरिष्ठ नेताओं के कारण पार्टी की स्थिति खराब होती जा रही है, लेकिन अखिलेश यादव के आंख पर पर्दा पड़ा हुआ है।