''अमित शाह खुद बनना चाहते हैं PM, मोदी को कुर्सी से हटाने के लिए दिया ऐसा बयान''

punjabkesari.in Tuesday, Nov 17, 2015 - 05:22 PM (IST)

इलाहाबाद(सैयद आकिब रजा): कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने असहिष्णुता को लेकर फिर से विवादित बयान देने वाले केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह पर ज़ुबानी हमला बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किये जाने की मांग की है। प्रमोद तिवारी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा चित्रकूट में दिए बयान पर कहा है कि अमित शाह खुद पीएम बनना चाहते हैं, इसलिए पीएम मोदी को कुर्सी से हटाने के लिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है। राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने यह बातें आज इलाहाबाद में मीडिया से की गई बातचीत में कही हैं।
 
आरोप साबित करें या माफी मांगे वीके सिंह-
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने जनरल वीके सिंह के बयान ‘लोगों ने पैसा लेकर छेड़ी सहिष्णुता पर बहस’ की निंदा करते हुए कहा है कि या तो वह साहित्यकारों, पत्रकारों व वैज्ञानिकों पर लगे आरोपों को साबित करें या फिर माफी मांगते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दें। तिवारी का कहना है कि अगर जनरल सिंह इस्तीफ़ा नहीं देते हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए। प्रमोद तिवारी के मुताबिक़ मोदी सरकार इन दिनों तानाशाही रवैया अपनाए हुए है, इसीलिये वह अपने खिलाफ कोई भी बात बर्दाश्त नहीं कर पाती है। 
 
खुद PM बनना चाहते हैं शाह-
प्रमोद तिवारी के मुताबिक़ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जानबूझकर यह बयान दिया था। दरअसल 51 साल के अमित शाह अब खुद देश के पीएम बनना चाहते हैं, इसीलिये उन्होंने अपने सियासी गुरु नरेंद्र मोदी को कुर्सी से हटाने के लिए यह बयान दिया है। प्रमोद तिवारी के मुताबिक़ बीजेपी में वैसे भी चेलों द्वारा अपने गुरुओं की पीठ में छूरा भोंकने का इतिहास रहा है, इसीलिये अमित शाह ने सोची समझी रणनीति के तहत यह बयान दिया है। बता दें कि अमित शाह ने चित्रकूट में कहा था कि 60 साल के नेताओं को राजनीति छोड़ देनी 
चाहिए।   
 
यूपी में महागठबंधन की संभावनाओं पर-
बीएसपी के साफ़ इंकार के बाद कांग्रेस को भी अब यूपी में महागठबंधन की संभावनाएं दूर की कौड़ी नजर आने लगी है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का इस बारे में कहना है कि उनकी पार्टी बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन बनाये जाने की पक्षधर है, लेकिन सपा और बसपा के एक साथ आए बिना यह मुमकिन नहीं है। उनके मुताबिक़ यूपी में सपा और बसपा का जनाधार व्यापक है, इसलिए कांग्रेस के बजाय पहले इन दोनों पार्टियों को आपस में समझौता करना होगा। प्रमोद तिवारी का कहना है कि बिहार और यूपी की सियासत में फर्क है इसलिए कांग्रेस पार्टी अपनी तरफ से सपा और बसपा को एक साथ लाने की कोई पहल नहीं कर रही है।