‘यादव परिवार’ में विवाद से वरिष्ठ नेताओं में बढ़ी बेचैनी, कई ने की मुलायम से मुलाकात

punjabkesari.in Saturday, Oct 22, 2016 - 03:02 PM (IST)

लखनऊ: ‘यादव परिवार’में चल रही वर्चस्व की लड़ाई से समाजवादी पार्टी (सपा ) के वरिष्ठ नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है। इसी बेचैनी के बीच आज कई वरिष्ठ नेताओं ने सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। मुलाकात करने वालों में बेनी प्रसाद वर्मा, रेवती रमण सिंह, माता प्रसाद पाण्डेय, किरणमय नंदा, आशु मलिक और नरेश अग्रवाल मुख्य रूप से शामिल थे। इन नेताओं को हालांकि भरोसा है कि पार्टी टूटेगी नहीं लेकिन वे चाहते हैं कि सब कुछ जल्द से जल्द से पूर्ववत हो जाये। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करने के बाद कहा कि जल्द ही सब ठीक हो जायेगा। उन्होंने लोगों से अनावाश्यक बयान देने और चिट्ठी पत्री लिखने से बाज आने की सलाह दी।

‘नेताजी के रहते पार्टी के टूटने का सवाल ही नही’ 
पूर्व केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि मीडिया में आ रही खबरों से मूल कार्यकर्ता आहत हैं लेकिन सभी को विश्वास है कि पार्टी में कोई टूट नहीं होगी। वर्मा ने कहा कि नेताजी पार्टी के सर्वेसर्वा हैं तो अखिलेश भविष्य के चेहरे। यह सभी को मानना पड़ेगा क्योंकि हकीकत यही है। उन्होंने कहा कि यादव परिवार को वह चार दशकों से जानते हैं। बड़ी बड़ी समस्याओं को वह परिवार बैठकर हल कर लेता है। यह समस्या भी निपट जायेगी। नेताजी के रहते हुए पार्टी के टूटने का कोई सवाल ही नहीं उठता। 

‘मामले को अनावश्यक तूल दे रही मीडिया’
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और नगर विकास मंत्री मो0 आजम खां ने भी कहा कि नेताजी के रहते किसी को चिन्तित होने की जरुरत नहीं है। नेताजी का राजनीतिक कद बहुत बड़ा है। वह जिससे जो कह देंगे, उसे मानना ही पड़ेगा। वह पार्टी के सब कुछ हैं। उनको नजरंदाज करने वाले वाले को कार्यकर्ता किनारे कर देंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने तो साफ कह दिया है कि पार्टी सत्ता में आयी तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होंगे। पार्टी हित में वह कोई भी पद छोडऩे को तैयार हैं तो अब विवाद कैसा रह गया। मीडिया इसे अनावश्यक तूल दे रही है।

‘अखिलेश मुख्यमंत्री चेहरा और भविष्य में भी रहेंगे’
पार्टी उपाध्यक्ष किरनमय नन्दा ने कहा कि सब कुछ साफ है। नेताजी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो शिवपाल सिंह यादव प्रदेश अध्यक्ष। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं और भविष्य में वह इसी पद के लिए पार्टी के चेहरे भी रहेंगे। विवाद तो कहीं है ही नहीं। उन्होंने मीडिया से संयम बरतने की अपील की। नन्दा ने कहा, ‘अभी कोई कैसे कह सकता है कि मुख्यमंत्री पांच नवंबर को पार्टी की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर मनाये जा रहे रजत जयन्ती समारोह में शामिल नहीं होंगे। वह समारोह में आयेंगे। उन्होंने कहा कि रजत जयन्ती समारोह से दो दिन पहले मुख्यमंत्री का विकास यात्रा निकालने का निर्णय किसी ²ष्टि से गलत नहीं है। संगठन अपना काम कर रहा है और सरकार अपना।

‘पार्टी में टूट की संभावना को किया खारिज’
नन्दा ने पार्टी में टूट की संभावना को सिरे से खारिज किया और कहा कि अखिलेश यादव सरकार जनता की भलाई के लिए बहुत अच्छा काम कर रही है। उन्होंने संकेत दिया कि मुख्यमंत्री अपनी यात्रा को स्थगित कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि यात्रा यदि स्थगित हुई तो कब शुरु होगी। उन्होंने कहा कि यह सभी जानते हैं कि नेताजी ने पार्टी को बड़े संघर्ष के बाद इस मुकाम तक पहुंचाया है। कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे पार्टी का नुकसान हो। 

‘पार्टी एक है और एक रहेगी’
नन्दा ने कहा कि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा 24 अक्टूबर को बुलायी गयी विधायकों और सांसदों की बैठक के ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने बैठक बुलायी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से तो विधायक, सांसद मिलते ही रहते हैं। इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। पार्टी एक है और एक रहेगी।

इस बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कट्टर समर्थक और राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज जिलाध्यक्षों के साथ औपचारिक बैठक हुई है इसे किसी अन्य रुप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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