अमित शाह ने UP चुनाव के लिए बनाया हाईटेक प्लान

punjabkesari.in Tuesday, May 24, 2016 - 03:47 PM (IST)

लखनऊ: बी.जे.पी. ने 5 राज्यों के परिणाम को देखते हुए यूपी. चुनाव पर फोकस करना शुरु कर दिया है। 2017 में यहां भी चुनाव होना तय है। अमित शाह ने यहां के लिए अपने अनुभव के अनुसार कुछ हाईटेक तरीके अपनाए हैं। यूपी. के नेताओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी वाले अटेंडेंस कार्ड बितरित किए जा रहें हैं। नेता लोग अब लंच के बहाने खर पर आराम नहीं फरमा पाएंगे। पार्टी की राष्ट्रीय मीटिंग भी इलाहाबाद में 12-13 जून को होने वाली है। 
 
अब कोई नहीं कर पाएगा मस्ती
फरवरी में अमित शाह यहां बी.जे.पी. के नए हेडक्वार्टर की फाउंडेशन रखने के लिए आए थे। उस दौरान जब शाह ने दीवारों पर पान खाकर थूकने के धब्बे और गंदगी देखी थी तो काफी खफा हुए थे। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक अब सब कुछ बदल रहा है। रेडियो फ्रीक्वेंसी चिप वाले अटेंडेस कार्ड नेताओं और वर्कर्स को दिए गए हैं। इससे हाईकमान को नेताओं का रियल टाइम डाटा मिल सकेगा। कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह का दौर देख चुके एक नेता का कहना है कि नेता ऑफिस तभी आते हैं जब उन पर प्रेशर डाला जाता है। इसके बाद भी वो लंच और आराम करने के लिए घर चले जाते हैं। लेकिन अब हमसे कहा गया कि ये तरीके फौरन बदले जाएं।
 
अटेंडेस कार्डस से सीधे होगा केंद्रीय लीडरशिप से संपर्क
नए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड्स से नेता और वर्कर्स के पास एक यूनीक नंबर आ जाएगा। इसके जरिए वह लाइब्रेरी, पॉलिसीस और डॉक्यूमेंट्स को देख सकेंगे।  इतना ही नहीं यह लोग मीटिंग्स की जानकारी भी सीधे बड़े नेताओं को भेज सकेंगे। इससे जमीन पर क्या काम हो रहा है, इसकी जानकारी सेंट्रल लीडरशिप को मिल सकेगी। ऑनलाइन काड्र्स की ये व्यवस्था जुलाई में पूरी तरह शुरू हो जाएगा। इसके पहले फेज में करीब 1800 डिवीजनल ऑफिस इंचार्ज ऑनलाइन हो जाएंगे। इसके बाद 1.5 लाख वर्कर्स को इससे जोड़ा जाएगा जो बूथ लेवल पर काम करेंगे।
 
शाह का हाईटेक अनुभव
दरअसल शाह का हाईटेक प्लान और सख्ती उनके 2013 के एक्सपीरिएंस का नतीजा है। उस दौरान शाह लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में यू.पी. आए थे। शाह ने तब पाया कि यहां के नेता दफ्तर सिर्फ तब आते हैं जबकि सेंट्रल लीडरशिप का कोई शख्स यहां आता है। शाह पैर छूने की परंपरा से भी नाराज हुए थे। उनका मानना है कि ऐसा करके वोटर्स से नहीं जुड़ा जा सकता। एक सीनियर लीडर का मानना है कि शाह की मेहनत पार्टी को अपने बेहतरीन पुराने दिनों में लौटा सकती है। लोकसभा चुनाव के दौरान बी.जे.पी. ने यहां 80 में से 71 सीटें हासिल की थीं।
 
इलाहाबाद में राष्ट्रीय मीटिंग कार्यक्रम
बी.जे.पी.यू.पी. असेंबली इलेक्शन और 2019 में होने वाले लोकसभा इलेक्शन के लिए तगड़ी तैयारियां कर रही है। इसी की स्ट्रैट्जी तैयार करने के लिए पार्टी की नेशनल एग्जीक्यूटिव मीटिंग 12 और 13 जून को यहां बुलाई गई है। इसमें मोदी समेत पार्टी का हर बड़ा नेता और सी.एम. शामिल होगा। इलाहबाद में फिलहाल समाजवादी पार्टी का दबदबा है। हालांकि एक दौर में इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।