Breaking: 10 लोगों उम्र कैद की सजा, लव ट्रायंगल में 3 लड़कों की हुई थी हत्या
punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2024 - 04:44 PM (IST)
Meerut ( Adil Rahaman ) उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कोतवाली गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में 16 साल बाद आज कोर्ट ने 10 आरोपियों को सजा सुनाया है। जिसमें एक महिला आरोपी शामिल है। आप को बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत से मुकदमे का स्टेटस मांगा और फैसले को टाल दिया था। हाई कोर्ट ने 30 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी थी। वहीं मंगलवार को ट्रांसफर के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया।
23 मई 2008 को मेरठ कॉलेज के छात्र सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के शव बागपत के बालैनी में नदी किनारे पड़े मिले। तीनों को गोलियां मारने के बाद गला काटकर मारा गया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि 22 मई की रात तीनों का गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी के साथ झगड़ा हुआ था।
मामूली झगड़े के बाद आरोपियों ने तीनों को मारी थी गोली
पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक झगड़े के बाद इजलाल ने अपने भाइयों के साथ मिलकर तीनों को पकड़ लिया। पहले पाइपों से बुरी तरह पिटाई की। इसके बाद तीनों को गोलियां मारी। फिर सबके गले काट दिए। आंखें तक नोंच ली गईं। इसके बाद शवों को पानी से धोकर कार की डिग्गी में रखकर गाड़ी सहित नदी किनारे ले जाकर शवों को फेंक दिया। इस घटना का खुलासा होने के बाद मेरठ में हजारों युवाओं ने गैर-राजनीतिक संगठन बनाकर 25 मई को मेरठ बंद का एलान कर दिया था। पूरा मेरठ बंद हुआ था। तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर और सीओ की भूमिका पर सवाल उठने के बाद जांच सदर बाजार थाने के इंस्पेक्टर डीके बालियान को दी गई थी।
कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट पुलिस ने की थी दाखिल
पुलिस ने इस मामले में हाजी इजलाल, उसके भाई अफजाल व परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करते हुए हत्याकांड को साबित करने के लिए कुल 37 गवाहों के नाम दिए। युवती को इस मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर युवती कोर्ट से स्टे ले आई थी। लेकिन कोर्ट ने स्टे को निरस्त कर दिया।