अंधविश्वास में गई बेटी की जान: 5 दिन तक घर में शव के साथ रहे परिवार के 11 लोग... शव का दुर्गंध आने के बाद पहुंची पुलिस

punjabkesari.in Wednesday, Jun 29, 2022 - 01:28 PM (IST)

प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज जिले से एक बेहद चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अंधविश्वास के चक्कर में एक परिवार ने अपने 18 वर्षीय मृतक बेटी का शव 5 दिन तक घर के अंदर रखा और खुद भी सभी लोग भूखे प्यासे रहें। शव का दुर्गंध आने के बाद आस पास के लोगों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पता चला कि उस परिवार के 11 अन्य सदस्य भी बीमार हो गए थे। पूछताछ में पता चला कि घर में कई-कई दिनों तक खाना नहीं बनता था और परिवार के लोग सिर्फ गंगाजल पीते थे।  पुलिस ने सभी को अस्पताल भेजवाया है। जहां उनका इलाज जारी है। 

मामला जिले के करछना क्षेत्र के डीहा गांव है, यहां अभयराज यादव नाम का एक व्यक्ति प्राइवेट नौकरी करता था। कोरोना संक्रमण के दौरान नौकरी छूटने पर वह घर पर ही रहने लगा। उसकी पांच बेटियां व तीन बेटे हैं। चार बेटियों की शादी हो चुकी है और एक को छोड़कर तीन बेटियां इन दिनों मायके में ही थीं। 

घर के सभी सदस्य थे बीमार
यहीं नहीं, घर के भीतर कई अन्य सदस्य भी बीमार मिले। इनमें मृतका के अलावा उसकी तीन बहनें, तीन भाई व उनके पांच बच्चे शामिल हैं। इनमें अभयराज की नतिनी कृति (5) की हालत बेहद गंभीर थी। सभी को अस्पताल भेजवाया गया। इनमें से चार को एसआरएन में भर्ती कराया गया है।

बीमारी का नहीं कराया इलाज, कर रहे थे झाड़-फूंक
घटना की जानकारी मिली तो सीओ करछना, एसपी यमुनापार के साथ ही एसडीएम व अन्य अफसर भी आ गए। उन्होंने जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि अभयराज को छोड़कर परिवार के अन्य सभी सदस्य बीमार थे। लेकिन वह दवा कराने की बजाय झाड़-फूंक में लगे थे।  

विरोध करने पर बेटी को कमरे में किया बंद
अभयराज ने बताया कि वह विरोध करता तो बेटे व बेटियां उसे डांट-डपटकर चुप करा देते थे। बेटी अंतिमा की हालत बिगड़ने पर उसने एक बार फिर दवा कराने को कहा तो सभी ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया। पांच दिन से वह कमरे में बंद था। चौंकाने वाली बात यह है कि विवाहित बेटियों की भी हालत ठीक नहीं थी। अफसरों को जब यह पता चला कि घर में कई-कई दिनों तक खाना नहीं बनता था और परिवार के लोग सिर्फ गंगाजल पीते थे तो वह स्तब्ध रह गए।  


 

Content Writer

Imran