यूपी विधान परिषद में रिक्त होंगी 11 सीटें, 2021 में कई नेताओं का खत्म हो रहा कार्यकाल

punjabkesari.in Thursday, Dec 31, 2020 - 03:49 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुम की सरकार भले ही हो लेकिन विधान परिषद में उसकी सीटे कम है जिसे किसी भी विधेयक पर योगी सरकार विधान परिषद में योगी सरकार अल्पमत में आ जाती है। वहीं आने  वाला आगमी वर्ष भाजपा के कफीफायदे मंद साबित होने वाला है। दर असल, 30 जनवरी 2021 को विधान परिषद की 11 सीटें रिक्त हो रही है। वहीं विधान परिषद में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की संख्या घटेगी तो भाजपा के सदस्य बढ़ेंगे। इससे परिषद में सरकार को काफी राहत मिलेगी। विधान परिषद में योगी सरकार अल्पमत में है। ऐसे में सरकार को कई मौकों पर विधायी कार्य निपटाने में राजनीतिक दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मगर नए साल (2021) से इस स्थिति में भाजपा के लिए थोड़ी राहत शुरू होगी।

बता दें कि आने वाले नए साल में विधान परिषद में 11 सीटें रिक्त हो रही हैं। एक सीट नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सदस्यता रद्द होने से पहले से ही रिक्त चल रही है।  जब कि विधान परिषद के सभापति रमेश यादव उप मुख्यमंत्री व नेता सदन डॉ दिनेश शर्मा नेता विपक्ष अहमद हसन के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कार्यकाल भी खत्म होगा। इनके साथ ही आशू मलिकग् रामजतन राजभरग् वीरेन्द्र सिंहग् साहब सिंह सैनीग्धर्मवीर सिंह अशोकग् प्रदीप कुमार जाटवग् लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का कार्यकाल भी खत्म होगा।

गौरतलब है किबीते दिनों शिक्षक और स्नातक क्षेत्र की कुल 11 सीटों पर चुनाव हुआ था। सदन में सपा के 50 सदस्य हैं। इनमें से छह सदस्य रिटायर होंगे। ऐसे में सपा सदस्यों की संख्या घटकर 44 रह जायेगी। विधानसभा में सपा की सदस्य संख्या के आधार पर इस पार्टी को चुनाव होने पर एक सीट का ही फायदा होगा। जब कि भाजपा के पास विधायको की संख्या सबसे ज्यादा है ऐसे में भाजपा आने वाले समय में ज्यादा सीट जीत कर विधान परिषद में अपने सदस्यों की संख्या बढ़ा सकती है। 

Ramkesh