'बेहद खतरनाक होगा राम मंदिर निर्माण के लिए 1992 जैसा आंदोलन'

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 02:38 PM (IST)

लखनऊः ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण के लिए वर्ष 1992 जैसा ही आंदोलन शुरू करने के राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के इरादे को मुल्‍क के लिए बेहद खतरनाक बताते हुए कहा कि मंदिर को लेकर अचानक तेज हुई गतिविधियां पूरी तरह राजनीतिक हैं।     

एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर हिन्‍दूवादी संगठनों द्वारा अचानक तेज की गई गतिविधियों के बारे में कहा कि जहां तक मंदिर निर्माण को लेकर तथाकथित हिन्‍दूवादी संगठनों में बेचैनी का सवाल है, तो साफ जाहिर है कि यह सियासी है। आगामी लोकसभा चुनाव को सामने रखकर यह दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन वे संगठन दरअसल क्‍या करेंगे, अभी तक इसका सही अंदाजा नहीं है।      

मंदिर निर्माण के लिए वर्ष 1992 जैसा व्‍यापक आंदोलन छेडऩे के संघ के इशारे के बारे में रहमानी ने कहा कि संघ अगर आंदोलन शुरू करता है तो यह बहुत खतरनाक होगा। इससे मुल्‍क में अफरातफरी का माहौल पैदा हो जाएगा।  इस आशंका का कारण पूछे जाने पर उन्‍होंने बताया कि वर्ष 1992 में हिन्‍दुओं और मुसलमानों के बीच नफरत इतनी ज्‍यादा नहीं थी। हाल के सालों में दोनों के बीच खाई बहुत गहरी हो गई है।  विश्‍व हिन्‍दू परिषद, अंतरराष्‍ट्रीय हिन्‍दू परिषद समेत तमाम हिन्‍दूवादी संगठनों और साधु-संतों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए अध्‍यादेश लाने या कानून बनाने को लेकर सरकार पर दबाव बनाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर मौलाना ने कहा कि कुछ कानूनविदों के मुताबिक इस मसले पर अभी कोई अध्‍यादेश या संसद का कानून नहीं आ सकता। अब सरकार क्‍या करेगी और उसके क्‍या नतीजे होंगे, यह नहीं कहा जा सकता।      

Ruby