इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 2.5 करोड़ रुपये का घोटाला, VC ने लिखा PM मोदी को पत्र

punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2017 - 10:30 AM (IST)

इलाहाबादः इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बारह सालों में करीब 2.5 करोड़ रुपये का घोटाला किये जाने का मामला सामने आया है। जहां विश्वविद्यालय को सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद वहां के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर करोड़ों रुपये का घपला किया है।

विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने जांच में करोड़ो का घोटाला पकड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। साथ ही वीसी ने सीएजी से बारह सालों की स्पेशल ऑडिट कराने की भी मांग की है।

वीसी रतन लाल हांगलू ने बताया कि विश्वविद्यालय को सन् 2005 में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है। जिसके बाद शिक्षकों और युनिवर्सिटी के अधिकारियों की मिलीभगत ने मनमाने ढंग से रुपयों का घपला करना शुरु कर दिया। वीसी के मुताबिक सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद शिक्षकों की पे फिक्शेसन मनमाने ढंग से करके 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घपला किया गया है।

यूनिवर्सिटी के टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ ने 40 करोड़ से ज्यादा का एडवांस लोन ले लिया और वापस नही किया। इसके साथ ही पत्राचार संस्थान में 9 करोड़ रुपये से ज्यादा की तनख्वाह बांटी गई। जबकि सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी बनने के बाद से ही वो संस्थान विश्ववद्यालय का अंग नहीं था। उसके बावजूद वहां के कर्मचारियों नियमों के विपरीत मोटी तनख्वाह दी जाती रही।

इसके अलावा यूजीसी से मिले 20 लाख की ग्रांट की रकम के बदले 2.19 करोड़ रुपये मनमाने ढंग से खर्च किये गए। साथ ही 18 लाख रुपये से ज्यादा एलटीसी के नाम पर खर्च किये गए। एलटीसी के नाम पर की गई फिजूल खर्ची को सीएजी ने ऑडिट में पकड़ी। इस पूरे मामले की जांच हुई तो निश्चित तौर पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कई शिक्षक अधिकारी औऱ कर्मचारी इस घोटाले में फंस सकते हैं।