3 सरकारों की विकास गाथा को मुंह चिढ़ा रहा है COD का निर्माणाधीन फ्लाईओवर

punjabkesari.in Sunday, Oct 08, 2017 - 04:19 PM (IST)

कानपुरः औद्योगिक नगरी कानपुर और राजधानी लखनऊ के बीच की दूरी और समय को कम करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण सीओडी फ्लाईओवर के निर्माण की मंथर गति उसके अंतहीन सफर की कहानी बयां कर रही है। दिल्ली हावडा रेलमार्ग में सीओडी क्रासिंग पर बने इस पुल की आधारशिला वर्ष 2008 में तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी सरकार के कार्यकाल में रखी गई थी।

बता दें कि लोक निर्माण विभाग ने करीब 34 करोड़ की लागत वाले इस पुल के निर्माण का ठेका हैदराबाद की कंपनी को सौंपा था। निर्माण की मियाद 3 साल तय की गई थी मगर अफसरों की हीलाहवाली के चलते वर्ष 2010 में पुल का निर्माण कार्य शुरू हो सका।  वर्ष 2012 में अखिलेश सरकार सत्ता में आई तो शहर के लोगों को लगा कि फ्लाईओवर के निर्माण में तेजी आएगी। मगर इस बीच हैदराबाद की कंपनी ने अपनी धरोहर राशि छोड़ कर काम करने से इंकार कर दिया। वर्ष 2013 में अमेठी के एक ठेकेदार ने काम का जिम्मा लिया और कछुआ चाल से पुल का निर्माण चलता रहा और हालात जस के तस रहे।

मौजूदा योगी सरकार को भी सत्ता संभाले 6 महीने से अधिक का समय हो चुका है। सड़क और पुलों के निर्माण के जरिए उत्तर प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखने को बेकरार इस सरकार के लिए औद्योगिक नगरी कानपुर में मंथर गति से तैयार हो रहा यह फ्लाईओवर का सबब साबित हो सकता है। केन्द्र और राज्य सरकार के सड़क और पुल निर्माण में तेजी लाए जाने के बयानों के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आज भी पुल के तैयार होने की आखिरी तारीख के बारे में पुख्ता तौर पर दावा करने को राजी नही है हालांकि इस बार पुल निर्माण पूरा करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर पहले से तय है।