राजपाल कश्यप सहित 3 बने MLC, राज्यपाल ने लगाई मोहर
punjabkesari.in Friday, May 27, 2016 - 07:55 PM (IST)
लखनऊ: राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भेजे गए नामित एमएलसी के बाकी बचे तीन नामों अरविंद कुमार सिंह, डॉ. राजपाल कश्यप और डा.संजय लाठर के नामों को मंजूरी दे दी। मंजूरी के साथ ही ये तीनों एमएलसी बन गए। अब सिर्फ इनकी शपथ बाकी है।
अरविंद कुमार सिंह और राजपाल कश्यप को समाजसेवा क्षेत्र से और संजय लाठर को समाजसेवा व साहित्य क्षेत्र के कोटे से एमएलसी बनाया गया है। अरविंद कुमार सिंह पहले राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। उनको सपा ने इस बार भी राज्यसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किया था, अंतिम क्षणों में इनका नाम काटकर सुरेंद्र नागर को राज्यसभा प्रत्याशी बना दिया गया था। बाद में अरविंद कुमार सिंह का नाम एमएलसी के लिए भेज दिया गया।
अरविंद लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं और एमए एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त हैं। इसी तरह संजय लाठर पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ-साथ एमफिल और पीएचडी तक शिक्षा प्राप्त हैं। इसके साथ ही लेखक भी हैं।
राजपाल कश्यप भी पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी हैं लेकिन उनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे थे। यही कारण था कि जब दस महीने पहले यानी दो जुलाई 2015 को राजपाल कश्यप का नाम एमएलसी की सूची में सरकार ने भेजा था तो राज्यपाल ने वापस कर दिया था। उसके बाद सरकार ने राजपाल के सारे मुकदमे वापस लेकर दोबारा उनका नाम 25 अप्रैल 2016 को भेजा। जिस पर राज्यपाल ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। जवाब से संतुष्ट होने के बाद राज्यपाल ने कश्यप के नाम को भी मंजूरी दे दी।
गौरतलब है कि विधान परिषद की नामित सीटों पर फैसला एक साल से अटका हुआ है। पिछले साल जून में पहली बार सरकार ने राजभवन को नौ नाम राजभवन भेजे थे। राज्यपाल ने जुलाई, 2015 को पांच नाम खारिज करते हुए सिर्फ लीलावती कुशवाहा, राम वृक्ष यादव, जितेंद्र यादव और एसआरएस यादव को एमएलसी नामित करने को मंजूरी दी थी। मार्च 2016 में उन्होंने कई बार जानकारी मांगने के बाद संतुष्ट न होने पर संजय सेठ, सरफराज खां, कमलेश पाठक, रणविजय सिंह और राजपाल कश्यप के नाम खारिज कर दिए थे। इसी बीच नामित कोटे में एक अन्य सदस्य का कार्यकाल खत्म होने से एक और सीट खाली हो गईं। पिछले महीने ही सरकार ने छह खाली सीटों पर एमलएसी नामित करने के लिए कारागार मंत्री समेत चार नाम भेजे थे। जिनमें तीन नामित हो गए, पर राजपाल का नाम रुक गया।