बाबरी विध्वंस की 30वीं बरसी: अयोध्या में सामान्य दिनों की तरह काम काज हुआ, पुलिस रही अलर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Dec 06, 2022 - 10:21 PM (IST)

अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराये जाने की 30वीं बरसी पर मंगलवार को तीर्थ नगरी अयोध्या में सब कुछ सामान्य रहा और लोगों ने आम दिनों की तरह काम काज के साथ ही अपने सुबह की शुरूआत की। शहर में स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और सार्वजनिक संस्थान आम दिनों की तरह खुले रहे और जनजीवन सामान्य रहा, हालांकि पुलिस को अलर्ट पर रखा गया था। इससे पहले अतीत में कई बार लोगों को इस मौके पर कर्फ्यू जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। आम दिनों की तरह स्थानीय लोग प्रसिद्ध राम मंदिर के बाहर दर्शन के लिए कतार में खड़े देखे गए, और सुबह-सुबह लोगों को अपने कार्यस्थल के लिए निकलते ही सड़कों पर यातायात जाम देखा गया।

एहतियात के तौर पर पवित्र शहर में नियमित रही सुरक्षा व्यवस्था
पूर्व के वर्षो के उलट, विश्व हिंदू परिषद ने न तो कोई शौर्य दिवस मनाया और न ही मुस्लिम समुदाय की योजना काला दिवस मनाने की थी। उच्च्तम न्यायालय के 2019 के फैसले से राम जन्मभूमि विवाद समाप्त होने के साथ ही दोनों समुदायों के बीच शांति हैं। पिछले वर्षों में, बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी से पहले अयोध्या को एक छावनी में तब्दील कर दिया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी ने बताया कि एहतियात के तौर पर पवित्र शहर में नियमित सुरक्षा व्यवस्था की गई है। नवनियुक्त एसएसपी ने सोमवार की रात शहर के बाजारों का निरीक्षण किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी लगातार नजर रख रहे हैं, इसके अलावा होटलों की भी जांच की जा रही है।'' अधिकारी ने बताया, ‘‘अयोध्या आने वाले सभी वाहनों की पूरी तरह से जांच की जा रही है। अभी तक कुछ भी अवांछित नहीं मिला है, लेकिन हम कड़ी निगरानी रख रहे हैं।''

शौर्य दिवस कार्यक्रम पूरी तरह से रद्द
विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने मंगलवार को बताया कि इस अवसर के लिए कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं है। उन्होंने इससे पहले कहा था कि हिंदुओं के पक्ष में उच्च्तम न्यायालय के फैसले के बाद छह दिसंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हर साल छह दिसंबर को मनाये जाने वाले ‘‘शौर्य दिवस'' कार्यक्रम को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है क्योंकि हमारा मुख्य ‘संकल्प' (व्रत) पूरा हो गया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि कोई भी कार्यक्रम जो किसी भी तरह का तनाव पैदा करता है या किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाता है, आयोजित नहीं किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि संगठन ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता है जिससे विश्वास और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचे। हालांकि, मुस्लिम पक्ष अब भी महसूस करता है कि बाबरी विध्वंस के बाद मारे गए लोगों के परिवारों को न्याय नहीं मिला है। शहर की दो मस्जिदों में मंगलवार को छोटी-छोटी सभाओं में शांतिपूर्ण ढंग से सुबह की नमाज के बाद कुरान की तिलावत की गई।

HC के फैसले के बाद मुस्लिम सब कुछ भूल गए हैं
बाबरी मस्जिद मामले के याचिकाकर्ता हाजी महबूब ने कहा, ‘‘हमने बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद अयोध्या में अपनी जान गंवाने वालों की याद में कुरान खानी (कुरान का पाठ) का आयोजन किया। किसी अन्य कार्यक्रम की योजना नहीं बनाई गई है।'' बाबरी मस्जिद मामले में एक अन्य याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी ने कहा, ‘‘उच्च्तम न्यायालय के फैसले के बाद मुस्लिम सब कुछ भूल गए हैं। अयोध्या धरम की नगरी (धर्म का शहर) है ... हमने 30 साल पहले जो हुआ उसे पीछे छोड़ दिया है और अब विकास की बात कर रहे हैं।''

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय, जिन्हें विशाल राम मंदिर के निर्माण का काम सौंपा गया है, पहले ही कह चुके हैं कि भक्त जनवरी 2024 से नए मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त, 2020 में राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में आधारशिला रखी और तबसे तेज गति से मंदिर निर्माण का कार्य जारी है। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने भी कहा है कि अयोध्या में मस्जिद दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगी। शीर्ष अदालत के आदेश द्वारा प्रदान की गई पांच एकड़ भूमि पर नई मस्जिद बनाने के काम की जिम्मेदारी अतहर हुसैन संभाल रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Mamta Yadav

Recommended News

Related News

static