69000 Assistant Teacher भर्ती मामला, अब आरक्षण के मुद्दे पर 17 जुलाई को होगी सुनवाई

punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2023 - 09:09 AM (IST)

लखनऊ: 69000 Assistant Teacher भर्ती मामले में आरक्षण संबंधी हुए घोटाले को लेकर  इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को सुनवाई की। अब इस मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होगी। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश खुद को आरक्षण पीड़ित बताने वाले 13 अभ्यर्थियों की अपील पर दिया । इन आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में 19000 के आसपास सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की इस भर्ती में ठीक तरह से ओवरलैपिंग नहीं कराई गई है, जो पूरी तरह से गलत है। प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है। लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सबकैटिगरी आदि को छुपाकर जिला आवंटन सूची पर इस भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कर दिया गया। जो पूरी तरह से गलत है।

69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण तय करने में अधिकारियों ने की हेराफेरी: कोर्ट  
न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने 117 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए यह फैसला सुनाया। पीठ ने राज्य सरकार को झटका देते हुए कहा कि राज्य के अधिकारियों ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के तहत उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आरक्षण तय करने में कई 'अवैध' काम किए हैं। न्यायमूर्ति शुक्ला ने कहा, "जाहिर है, एटीआरई 2019 में शामिल होने वाले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के प्राप्तांकों और विवरण में कोई स्पष्टता नहीं थी। राज्य के अधिकारियों की ओर से इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।" अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह वर्ष 2019 में हुई सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद एक जून 2020 को जारी चयन सूची की अगले तीन महीने के अंदर समीक्षा करके समुचित आरक्षण तय करे।

चयन सूची की समीक्षा में हटाए जाने वाले शिक्षकों के प्रति सहानुभूति दिखाए सरकार
पीठ ने पांच जनवरी 2022 को जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची को भी रद्द कर दिया। पीठ ने चयन सूची सार्वजनिक होने के बाद नौकरी कर रहे शिक्षकों से सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा, "पहले से नियुक्त और वर्तमान में एटीआरई 2019 के आधार पर चयनित विभिन्न जिलों में तैनात सहायक शिक्षक अपने पद पर तब तक काम करना जारी रखेंगे जब तक कि राज्य के अधिकारी चयन सूची को संशोधित नहीं करते। इन शिक्षकों को परेशान नहीं किया जाएगा।" चयन सूची की समीक्षा में हटाए जा सकने वाले शिक्षकों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए पीठ ने कहा, "ऐसे शिक्षक, जिन्हें नियुक्त किया गया है और पिछले दो वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे हैं, उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। चाहे वे आरक्षित श्रेणी के हों या अनारक्षित श्रेणी के हो। फिलहाल अब इस मामले में अगली सुनवाई कोर्ट 17 जुलाई को करेगा। 


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Content Writer

Ramkesh

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