69000 शिक्षक भर्ती: KBC में छलका अभ्यर्थी ऊषा यादव का दर्द, अमिताभ से जिक्र करते नम हुई आंखें

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 04:00 PM (IST)

यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती में व्याप्त अड़चनों की वजह से मामला हाईकोर्ट और सड़क से उठकर अब केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) के प्रसिद्व शो तक पहुंच गया है। बता दें कि सोनी चैनल द्वारा प्रसारित इस शो के 11 वें संस्करण में सोमवार को प्रतियोगी के रूप में इलाहाबाद की ऊषा यादव पहुंची थीं, जो 69000 शिक्षक भर्ती की अभ्यर्थी भी हैं। उन्होंने यूपी में सरकारी नौकरी और उसकी अड़चनों का दर्द शो के होस्ट व बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने सार्वजनिक रूप से साझा किया। 
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शादी के बाद छह साल तक पति की नौकरी का इंतजार और अब अपनी नौकरी के लिए संघर्ष का जिक्र करके ऊषा की आंखें नम हो गई। मंच पर ऊषा की बात-‘यूपी की नौकरी का क्या कहें, कोर्ट-कचहरी के चक्कर से निकलकर मिल जाएं तो समझो किस्मत खुल गई’ ने भर्तियों को लेकर होने वाले विवाद को सबके सामने बयां कर दिया।

ऊषा ने कहा कि 2012 में शादी के छह साल बाद उनके पति धर्मेन्द्र यादव को सितंबर 2018 में बेटी होने के एक महीने बाद सरकारी टीचरी मिली। उसी के बाद परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई जिसमें उन्होंने भी आवेदन किया। मन में ठान लिया था कि 69000 पदों में से एक पद वह लेकर रहेंगी। इसके लिए सारी तकलीफें भूलकर तैयारी में जुट गईं और जी-जान झोंक दिया। बेटी का जन्म ऑपरेशन से हुआ था और काफी तकलीफ में थीं। लेकिन इसके बावजूद प्रतिदिन 8 से 10 घंटे तक कुर्सी पर बैठकर परीक्षा की तैयारी की। एक ही बात मन में सोचती थीं की यह तकलीफ ज्यादा दिन की नहीं है। 

3.20 लाख रुपये जीतने के बाद अमिताभ ने जब पूछा की इन रुपयों का क्या करेंगी तो ऊषा ने कहा कि सबसे पहले जम्मू जाऊंगी, फिर पंजाब अपनी छोटी बहन से मिलने और उत्तराखंड भी जाने की इच्छा जताई। अमिताभ ने जब पूछा की क्या राजनीति में रुचि रखती हैं तो ऊषा ने कहा पहले कोई रुचि नहीं थी। लेकिन घर में समाचार देखते-देखते पिछले 4-6 साल में ऐसी आदत हो गई है की एक दिन समाचार न देखो तो लगता है कि देश-दुनिया में जाने क्या हो गया जिसकी जानकारी मुझे नहीं हो सकी।

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ऊषा द्वारा पूछे गए सवाल पर असहज हुए अमिताभ बच्चन
मेजा रामनगर की ऊषा यादव ने शो के दौरान जब अमिताभ बच्चन से यह पूछा की वह कुम्भ में नहीं आए तो उसका जवाब महानायक नहीं दे सके। वह सिर्फ इतना कहकर प्रश्न टाल गए की कई बार कुम्भ देखा है। कार्यक्रम के दौरान अमिताभ और ऊषा के एक शहर से होने की खूब चर्चा हुई। शुरूआत में ही सीनियर बच्चन ने ऊषा से कहा कि वह उनके जन्मस्थान से हैं। इस पर ऊषा ने बताया कि 1984 में जब वह मेजा में आए तो वह पैदा भी नहीं हुई थीं।

10 रुपये का नोट 80 हजार जिताए दीस
शो के दौरान अमिताभ ने हमेशा की तरह खूब हंसी मजाक भी किया। 80 हजार रुपये के सवाल का जवाब देने के बाद जब ऊषा ने बताया कि 10 रुपये के नये नोट की छपाई से जवाब का क्लू मिला तो अमिताभ ने इलाहाबादी अंदाज में यह कहकर सबको हंसा दिया कि-‘10 रुपये का नोट 80 हजार जिताए दीस’।
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14वें सवाल का जवाब देने की नहीं उठा सकीं हिम्मत
ऊषा यादव की हिम्मत केबीसी शो के दौरान 14वें सवाल पर जाकर छूट गई। 50 लाख रुपये के लिए सवाल पूछा गया-‘मान्यतानुसार हिरण्यकश्यप की पत्नी व प्रहलाद की माता का नाम क्या था। इसका सही जवाब पता नहीं होने पर ऊषा ने गेम से बाहर निकलने का निर्णय लिया। उनका निर्णय सही साबित हुआ क्योंकि वह जिस उत्तर कौशिकी का अंदाजा लगा रही थीं वह सही नहीं था। सही जवाब कयाधु था।


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Ajay kumar

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