देश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 80 प्रतिशत काम पूरा, जल्द खुलने की है उम्मीद

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 11:18 PM (IST)

लखनऊः लॉकडाउन के बावजूद 22,500 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे वर्ष की अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ जिले के चंदसराय से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के जिला गाज़ीपुर के हैदरिया तक बनेगा। बता दें कि लॉकडाउन की वजह से दो महीने की देरी के बावजूद इसकी आधिकारिक समय सीमा अप्रैल 2021 से पहले ही इस परियोजना को तैयार कर लेने का काम तेजी से चल रहा है। वहीं एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश अवस्थी ने बताया कि परियोजना पर लगभग 80% से अधिक काम हो चुका है।

इस बाबत एक्सप्रेस-वे UPEIDA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश अवस्थी ने बताया कि "हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस परियोजना में सभी प्रकार की सावधानियां बरती जाएं और सामाजिक संतुलन बनाए रखा जाए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले 10,000  तो वर्तमान में हमारे पास साइट पर 4,500 कर्मचारी हैं। लेकिन हमने 8 पैकेजों पर काम करने वाली कंपनियों को पूर्ण गति से काम करने और काम में तेजी लाने के बारे में बताया है। काम में और तेजी लाने के लिए हम और मजदूरों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि हमें उम्मीद है कि लगभग एक सप्ताह के समय में हमारे पास पूरा कार्यबल होगा।" परियोजना वर्ष के अंत तक पूरी हो सकती है। परियोजना पर लगभग 80% से अधिक काम हो चुका है।

वहीं UPEIDA के मीडिया सलाहकार दुर्गेश उपाध्याय ने बताया कि शेष 52% काम लक्षित समय सीमा के भीतर पूरा हो जाएगा। 9 जिलों के मजिस्ट्रेट, को परियोजना का काम शुरू करने से पहले सभी मजदूरों की चिकित्सकीय जांच करने के लिए कहा गया है।


ये है विशेषताएं-
1.लखनऊ से गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जो क्क के नौ जिलों को जोड़ेगा, यही रोड राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को 165 किमी आगरा-ग्रेटर नोएडा और 302 किमी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा। यह योजना 341 किलोमीटर 6 लेन के लिए है जिसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है।

2.पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना, जिसे राज्य के सबसे दूरस्थ और कम विकसित पूर्वी क्षेत्र को बदलने के लिए विकसित किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए 11,800 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। जिसमें परियोजना निर्माण के लिए करीब 11,800 करोड़ रुपये और भूमि की लागत के लिए करीब 6,500करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।

3.पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे दुर्घटनाओं में कमी के साथ प्रदूषण स्तर, ईंधन की बचत, समय का बचाव जैसे कई तरीकों से लाभदायक होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर अनुमानित यात्रा का समय ढाई से पांच घंटे होगा। इसके अतिरिक्त, एक्सप्रेसवे के नजदीक नए शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान, नए टाउनशिप और अन्य विभिन्न वाणिज्यिक भवन बनाए जाएंगे जो रोजगार पैदा करेंगे।


बता दें कि इस परियोजना के लिए जिसे 8 पैकेजों में बांटा गया है, 12 कंपनियां जून में वित्तीय बोलियां लगाएगी। पहला पैकेज 40.47 किमी का है और इसमें 5 बोलीदाता हैं। दूसरा पैकेज 39.70 किमी का है जिसमें 6 बोलीदाता हैं, तीसरा पैकेज 41.70 किमी का है और इसके लिए 5 बोलीदाता हैं, चौथा पैकेज 43.70 किमी का है और इसमें 5 बोलीदाता होंगे, पांचवा पैकेज 54 किमी का है और इसमें 4 बोलीदाता हैं, छठा पैकेज 28.70 किमी का है और इसमें 5 बोलीदाता हैं, सांतवा पैकेज 46.08 किमी का है और इसमें 6 बोलीदाता हैं और आठवां पैकेज 47,97 किमी का है और इसमें 6 बोलीदाता हैं।

 

 

Author

Moulshree Tripathi