84 में सिख दंगा नहीं, राजीव गांधी के आदेश पर हुआ था नरसंहारः पूर्व DGP

punjabkesari.in Monday, May 13, 2019 - 06:16 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुल्खान सिंह ने 1984 में सिख दंगे के विवाद में कूदते विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 1984 में सिख दंगा नहीं राजीव गांधी के आदेश पर उनके चुने हुए विश्वास पात्र कांग्रेसी नेताओं द्वारा खुद खड़े होकर कराया गया नरसंहार था।

दरअसल सुल्खान सिंह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यह विवादित बयान लिखा है। उन्होंने लिखा है कि ‘इंदिरा गांधी की हत्या के दिन 31 अक्तूबर 1984 को मैं पंजाब मेल ट्रेन से लखनऊ से वाराणसी जा रहा था। ट्रेन अमेठी स्टेशन पर खड़ी थी, उसी समय एक व्यक्ति जो वहीं से ट्रेन में चढ़ा था, उसने बताया कि इंदिरा गांधी को गोली मार दी गई। वाराणसी तक कहीं कोई बात नहीं हुई। वाराणसी में भी अगले दिन सुबह तक कुछ नहीं हुआ। उसके बाद योजनाबद्ध तरीके से घटनाएं की गईं। अगर जनता के गुस्से का ‘आउट बर्स्ट’ होता तो दंगा फौरन शुरू हो जाता।’
 

सुलखान सिंह का दावा है कि बाकायदा योजना बनाकर नरसंहार शुरू किया गया। उन्होंने लिखा कि तत्कालीन कांग्रेसी नेता भगत, टाइटलर, माकन, सज्जन कुमार मुख्य ऑपरेटर थे। राजीव गांधी के खास विश्वासपात्र कमलनाथ मॉनिटरिंग कर रहे थे। उन्होंने आगे लिखा है कि नरसंहार पर राजीव गांधी का बयान और उन सभी कांग्रेसियों को संरक्षण के साथ-साथ अच्छे पदों पर तैनात करना उनकी संलिप्तता के जनस्वीकार्य सबूत हैं। राजीव गांधी की मृत्यु के बाद भी कांग्रेस सरकारों द्वारा इन व्यक्तियों को संरक्षण तथा पुरस्कृत करवाए इन सबकी सहमति दर्शाता है।
 

 

 

Ruby