Janmashtami 2021: प्रयागराज के इस्कॉन मंदिर में दिखेगी वृंदावन की झलक, लड्डू गोपाल पहनेंगे रेशमी पोशाक

punjabkesari.in Monday, Aug 30, 2021 - 11:06 AM (IST)

प्रयागराज: श्री कृष्ण जन्माष्ठमी को लेकर प्रयागराज के इस्कॉन मंदिर में इस बार वृंदावन की झलक देखने को मिलेगी, क्योंकि इस बार भगवान श्री कृष्ण के श्रृंगार के लिए कपड़े वृंदावन से आए हैं जबकि कुछ खास तरीके के फूल कोलकाता, दिल्ली और मुंबई से मंगवाए गए हैं। भगवान श्री कृष्ण के श्रृंगार के लिए आभूषण और वस्त्र जो तकरीबन तीन लाख रुपये की कीमत के हैं वो भी बन कर तैयार हैं। हालांकि बीते 2 सालों से करोना महामारी के चलते इस बार भी भक्तों को मंदिर के द्वार से ही दर्शन करने को मिलेगा और ऑनलाइन के जरिए भक्त घर में रह करके भी भगवान का दर्शन कर सकेंगे।

प्रयागराज के बलवा घाट स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर है पूरे मंदिर परिसर में बीते कई दिनों से सौन्दर्यकरण का कार्य चल रहा है। मंदिर के अध्यक्ष दीनदयाल कृष्णा दास महाराज का कहना है कि इस बार भी भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए बोला गया है जबकि ऑनलाइन दर्शन के लिए भी पूरा सिस्टम तैयार किया गया है।

प्रयागराज अंतरराष्ट्रीय इस्कान मंदिर अध्यक्ष, महाराज दीनदयाल कृष्णा दास ने बताया भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है ऐसे में प्रयागराज के वृंदावन कहे जाने वाला इस्कान मंदिर में राधा कृष्ण के लिए तैयारी अनोखे तरीके से की जा रही है।  वृंदावन से खास वस्त्र भगवान को पहनाया जायगा, संगम नगरी प्रयागराज की इस्कॉन मंदिर भी वृंदावन से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि वृंदावन में तीन चीजें बहुत ही महत्वपूर्ण पहला यमुना जी, कदम के जंगल, भगवान के भक्त और भक्ति, इस्कान प्रयागराज में यह तीनों चीजें यहां पर स्थित है।

इस्कान मंदिर प्रयागराज में इस बार भगवान का 108 चांदी के कलश से अभिषेक होगा, छप्पन भोग लगाए जाएंगे, भगवान श्री कृष्ण के लिए 21 प्रकार के दिव्यों से अभिषेक किया जाएगा। भगवान के लिए कोलकाता, मुंबई, दिल्ली से विशेष प्रकार के पुष्प मंगाए गए हैं और साथ ही भगवान श्री कृष्ण के भक्त अपने-अपने घरों से विशेष प्रकार के पोशाक बना कर लाते हैं। लेकिन जो पोशाक वृंदावन आयी है वह इस बार लड्डू गोपाल के लिए खास तरीके से बनाई गई हैं पूरी पोशाक रेशम और नगों से बनाई गई है। कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए किसी को मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी बाहर से ही दर्शन करना होगा। इसके साथ ही ऑनलाइन दर्शन के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।वहीं हमारे संवाददाता सैय्यद आकिब रज़ा ने इस्कॉन मंदिर का जायज़ा लिया।

 

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Umakant yadav