Loksabha Election 2019: एक नजर सलेमपुर लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Thursday, May 16, 2019 - 05:19 PM (IST)

सलेमपुरः उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण के अंतर्गत 8 और दूसरे चरण के अंतर्गत 8, तीसरे चरण के अंतर्गत 10, चौथे चरण में 13 और 5वें चरण में 14 और छठे चरण में 14 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं। वहीं 7वें और अंतिम चरण में वाराणसी, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज में 19 मई को मतदान होना है। इस खबर में हम आपको सलेमपुर सीट के बारे में बताने जा रहे हैं।

बलिया और देवरिया के कुछ हिस्सों को मिलाकर सलेमपुर लोकसभा सीट का निर्माण किया गया। सलेमपुर कभी देश की सबसे बड़ी तहसील हुआ करती थी। इस इलाके पर कभी गुप्त वंश और पाल शासकों का शासन था। उसके बाद यहां मुस्लिम आक्रांताओं ने शासन किया। ब्रिटिश शासन में 1939 में तहसील के रूप में इसकी स्थापना की गई। यहां से छोटी गंडक नदी गुजरती है। बात करें राजनीतिक इतिहास कि तो 1957 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के विश्वनाथ राय पहले सांसद बने। 1962 और 1967 के चुनाव में कांग्रेस के विश्वनाथ पांडेय यहां से सांसद बने। 1971 के चुनाव में कांग्रेस के तारकेश्वर पांडेय यहां से सांसद चुने गए। 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल से राम नरेश कुशवाहा यहां से सांसद बने। 1980 के चुनाव में कांग्रेस की वापसी हुई और रामनगीना मिश्रा यहां से सांसद चुने गए। 1984 के चुनाव में रामनगीना फिर से सांसद बने। 1989 और 1991 के चुनाव में जनता दल के हरिकेवल यहां से सासंद बने।

1996 के चुनाव में यहां सपा का खाता खुला और हरिवंश सहाय यहां से संसद पहुंचे। 1998 के चुनाव में हरिकेवल संसद पहुंचे। वहीं 1999 के चुनाव में बसपा के बब्बन राजभर यहां से संसद पहुंचे। 2004 के चुनाव में हरिकेवल प्रसाद सपा के खाते से सांसद चुने गए। 2009 के चुनाव में रामशंकर राजभर बसपा के खाते से सांसद चुने गए। 2014 के चुनाव में यहां बीजेपी का खाता खुला और रविंद्र कुशवाहा सांसद बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद रविंद्र कुशवाहा पर भरोसा जताया है। जबकि बसपा से आरएस कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं और कांग्रेस ने राजेश मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है।

सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र

बात करें विधानसभा सीटों कि तो सलेमपुर लोकसभा में बलिया जिले की 3 विधानसभा सीट और देवरिया जिले की 2 विधानसभा सीटों को मिलाकर इसे बनाया गया है। बलिया जिले कि बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह विधानसभा शामिल है, जबकि देवरिया जिले कि भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीट को मिलाया गया है।

2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से 3 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। भाटपार रानी और बांसडीह सीट पर सपा का कब्जा है। सलेमपुर, सिकंदरपुर और बेल्थरा रोड पर बीजेपी ने जीत हासिल की।

एक नजर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में घोसी सीट पर कुल 16,34,333 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 8,90,558 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7,43,717 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 58 है।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

घोसी लोकसभा सीट पर 2014 में पहली बार मोदी लहर में बीजेपी ने जीत पाई थी और रविंद्र कुशवाहा यहां से सांसद बने। रविंद्र कुशवाहा को कुल 3,92,213 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के रविशंकर सिंह रहे। रविशंकर को कुल 1,59,871 वोट मिले। तीसरे नंबर पर सपा के हरिवंश सहाय कुशवाहा रहे, उन्हें 1,59,688 वोट मिले।

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे

2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के रमाशंकर राजभर यहां से सांसद बने। राजभर को कुल 1,75,088 वोट मिले। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के भोला पांडेय रहे। भोला पांडेय को कुल 1,56,783 वोट मिले। तीसरे नंबर पर सपा के हरिकेवल रहे। हरिकेवल को कुल 1,35,414 वोट मिले।

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे

2004 के लोकसभा चुनाव में सपा के हरिकेवल प्रसाद यहां से सांसद बने। हरिकेवल प्रसाद को कुल 1,95,570 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस के भोला पांडेय रहे। भोला पांडेय को कुल 1,79,317 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बसपा के रमाशंकर राजभर रहे, उन्हें 1,32,013 वोट मिले।

Deepika Rajput