UP: लॉकडाउन से परेशान शख्स ने किया सुसाइड, सपा ने केंद्र व यूपी सरकार को घेरा

punjabkesari.in Saturday, May 30, 2020 - 03:03 PM (IST)

लखनऊ: कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू किया गया लॉकडाउन गरीब मजदूरों के लिए कहर बनकर टूट रहा है। दिन-प्रतिदिन इससे परेशान मजदूर आत्महत्याएं करने को मजबूर हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी से सामने आया है। जहां शुक्रवार को एक 50 वर्षीय शख्स ने ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या कर ली है। व्यक्ति का शव मैगलगंज रेलवे स्टेशन पर पड़ा मिला। जिसके पास से सुसाइड नोट प्राप्त हुआ है, जिसमें व्यक्ति ने लॉकडाउन को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। मृतक सुसाइड नोट में अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है।
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बता दें कि रेलवे ट्रैक पर पड़े शव की पहचान मैगलगंज के रहने वाले भानू प्रताप गुप्ता नामक शख्स के रूप में हुई है। मृतक भानू शाहजहांपुर में एक होटल पर काम करता था। लॉकडाउन के बाद से भानू लम्बे समय से घर पर ही था। भानू की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। इन दिनों घर में न खाने को कुछ था और न अपने और अपनी बूढ़ी मां के इलाज के लिए पैसे थे। दोनों ही सांस की बीमारी से जूझ रहे थे। भानू के तीन बेटियां और एक बेटा है। घर पर बूढ़ी मां और बीमारी का बोझ था। घर की पूरी जिम्मेदारी भानू के कंधे पर थी। जिसका जिक्र उसने अपने सुसाइट नोट में किया है। जिम्मेदारियों के बोझ तले दबकर भानू ने जिंदगी से हार मान ली और मौत को गले लगा लिया।

भानू की जेब से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ है, उसमें उसने लिखा है कि, ‘राशन की दुकान से उसको गेहूं-चावल तो मिल जाता था, लेकिन ये सब नाकाफी था। चीनी, चायपत्ती, दाल, सब्जी, मसाले जैसी रोजमर्रा की चीजें अब परचून वाला भी उधार नहीं देता था। मैं और मेरी विधवा मां लम्बे समय से बीमार हैं। गरीबी के चलते तड़प-तड़प के जी रहे हैं। शासन-प्रशासन से भी कोई सहयोग नहीं मिला। गरीबी का आलम ये है कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं है।’


इस मामले में समाजवादी पार्टी ने केन्द्र सरकार और यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘केंद्र सरकार द्वारा बिना तैयारी के चलते लॉकडाउन और यूपी सरकार के झूठे वादों के चलते लखीमपुर खीरी निवासी भानुप्रकाश गुप्ता ने ट्रेन के आगे कूद कर अपनी जीवन लीला समाप्त की। दुःखद! सपा 1 लाख की आर्थिक मदद प्रदान करेगी। सरकार 10 लाख की करे मदद। शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना।’

जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि, "हमने शुरुआती जांच की है। मृतक के पास राशन कार्ड है और कोटा के अनुरूप उन्हें इस महीने अनाज दिया गया था। इसलिए अनाज की कोई किल्लत नहीं थी। हम आत्महत्या के कारणों की जांच करेंगे। हमें सुसाइड नोट मिला है।"

 


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Edited By

Umakant yadav

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