Prayagraj में यमुना किनारे बनेगा पब्लिक प्लाजा पार्क, भारतीय और जापानी संस्कृति का होगा बेजोड़ नमूना
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 05:02 PM (IST)
प्रयागराज: प्रयागराज के अरैल क्षेत्र में यमुना के किनारे जापानी और भारतीय वास्तुकला की साझा विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक सार्वजनिक ‘प्लाजा पार्क' विकसित किया जा रहा है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। नगर विकास विभाग द्वारा 124 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से क्रियान्वित की जा रही इस परियोजना का उद्देश्य जापान के पारंपरिक शिंटो सौंदर्यशास्त्र और भारत के प्राचीन सनातन मूल्य के मेल को दर्शाना है।
परियोजना प्रबंधक रोहित कुमार राणा के अनुसार, यह पार्क अरैल में शिवालय पार्क के पास लगभग तीन हेक्टेयर में फैला होगा। इसमें दोनों संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थापत्य प्रतीक प्रदर्शित होंगे, जिनमें एक ‘तोरी' द्वार भी शामिल है, जो भौतिक से आध्यात्मिक दुनिया में संक्रमण की शिंटो मान्यता को दर्शाता है। पार्क को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें शांति, ध्यान और आत्म-चिंतन के विषयों से प्रेरित एक जेन गार्डन और एक ‘मियावाकी' वन होगा।
राणा ने कहा कि यह पहल महाकुंभ की तैयारियों के दौरान शिवालय और साहित्य पार्कों के विकास के बाद, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पार्कों के केंद्र के रूप में शहर की बढ़ती प्रतिष्ठा का हिस्सा है। शांति, अनुशासन और सद्भाव के साझा मूल्यों को मूर्त रूप देने के लिए डिजाइन किया गया यह पार्क भारतीय कला, संगीत, योग और मंदिर वास्तुकला के साथ-साथ चाय समारोह और इकेबाना जैसी जापानी परंपराओं को भी शामिल करेगा।
राणा ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम' (विश्व एक परिवार है) और जापान के ‘वा' (सद्भाव) के दर्शन को प्रतिबिंबित करते हुए यह पार्क दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच गहरे सांस्कृतिक बंधन का प्रतीक होगा।

