बुंदेलखंड का एक गांव ऐसा भी जहां पानी की बूंद-बूंद को रखा जाता है सुरक्षित

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 04:29 PM (IST)

बांदाः कहते हैं कि अगर कुछ कर दिखाने की चाह और ललक मन में हो तो हर काम अासान हो जाता है। इसी बुलंद हौसले के आगे हर मुश्किल घुटने टेक देती है। ऐसे ही असंभव को संभव कर देने की बानगी बांदा जिले में देखने को मिली है। जहां पिछले काफी समय से पानी को बचाकर तलाब में रखा जा रहा है। जिसे खेती करने में किसानों को काफी सहायता मिली और अच्छी पैदावार भी हुई। 

बांदा जिले के महुआ ब्लॉक अंतर्गत आने वाले जखनी गांव में 10 कुंए व 50 हैंडपंप है। सभी हैंडपंप से निकलने वाले पानी को तालाब में गिराया जाता है। पानी की एक बूंद भी बर्बाद नहीं की जाती। गांव के कुओं में 5 फुट पर पानी है। जो किसी अजूबे से काम नहीं है। इतना ही नहीं हैंडपंप से निकलने वाले पानी के सदुपयोग से सब्जियां उगाई जा रहीं है। पानी को बचाकर यहां किसानों ने 11 हजार कुंतल धान पैदा किया है।

किसान निर्भय सिंह, अशोक अवस्थी बताते है कि अच्छी पैदावार के पीछे खेत तालाब योजना है। वहीं उर्मिला देवी बताती है कि जून के महीने में भी सब्जियां उगने के लिए पर्याप्त पानी मिल जाता है। दरअसल खेतों की मेड़ों को 4 फुट ऊंचा उठा दिया गया है। जिससे खेत का पानी खेत में ही रहता है। यही कारण है कि फसल आस-पास के गांव के मुकाबले कई गुना बढ़कर पैदा होती है।

एसी कमरों में बैठे अफसर ये रिपोर्ट को देखें कि कैसे बिना किसी सरकारी मदद के चंद लोगों ने हालात से लड़कर तस्वीर ही बदल दी। ग्रामीणों ने गांव स्तर पर ही सर्वोदय आदर्श जलग्राम स्वराज समिति की स्थापना कर रखी है। चंदे से जुटाई धनराशि व आपसी सहयोग से जखनी गांव के ग्रामिणों ने वो कर दिखाया है, जो करोड़ों रूपए खर्च करके भी नहीं हो पाया। इनके प्रयास को देखते हुए जखनि गांव को जल ग्राम का नाम दिया गया है। 

Tamanna Bhardwaj