30 महीने में 25 बार मां बनी एक ही महिला, 5 बार नसबंदी भी हो चुकी, फिर भी नहीं रुका सिलसिला…जानें कैसे संभव हुआ ये!

punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 06:51 PM (IST)

आगरा : यूपी के आगरा जिले से घोटाले का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना में घोटाले के दौरान फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक ही महिला को ढाई साल के भीतर 25 बार मां बनाया गया। इतना ही नहीं उसी महिला की 5 बार नसबंदी भी हुई।  

कैसे हुआ मामले का खुलासा, CMO ने दिए जांच के आदेश 
इस चौंकाने वाले मामले का खुलासा तब हुआ जब स्वास्थ्य विभाग ने फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नियमित ऑडिट कराया। ऑडिट टीम जैसे-जैसे दस्तावेजों की जांच करती गई, वैसे-वैसे घोटाले के धागे उधड़ते चले गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऑडिट के दौरान पाया कि एक ही नाम की महिला को रिकॉर्ड में 25 बार डिलीवरी और पांच बार नसबंदी करना दिखाया गया। इतना ही नहीं, इस महिला के खाते में सरकारी योजनाओं के नाम पर कुल 45 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इस पूरे मामले की सूचना ऑडिट टीम ने तुरंत सीएमओ आगरा डॉ. अरुण श्रीवास्तव को दी। जिसके बाद सीएमओ खुद मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से  देखते हुए जांच के आदेश दिए। 

CMO ने क्या बताया, जांच समिति गठित करने की घोषणा की 
सीएमओ आगरा ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी कि यह तकनीकी गलती है या फिर कर्मचारियों की मिलीभगत से किया गया योजनाबद्ध घोटाला है। जिसके लिए एक विशेष जांच समिति गठित करने की घोषणा की गई है। इस मामले में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह मामला बेहद गंभीर है। उन्होंने आगे बताया कि फतेहाबाद और शमशाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सालों से कुछ कर्मचारियों का दबदबा रहा है। यही वजह है कि उन्होंने एक ही साल में चार अधीक्षकों का तबादला कर दिया हैं, लेकिन दबदबा अब भी बना हुआ है। सीएमओ ने बताया कि योजनाओं की धनराशि समय से ट्रांसफर करने का अधिक दबाव रहता है, उसी जल्दबाजी में ऐसी गड़बड़ियां हो सकती हैं। 

कैसे हुई धांधली
गौरतलब है कि यूपी सरकार की ओर से जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना जैसी दो प्रमुख योजनाएं चलाई जाती हैं। जिनमें प्रसव के बाद महिला को 14 सौ रुपए और प्रेरणा देने वाली आशा कार्यकर्ता को 6 सौ रुपए दिए जाते हैं। वहीं नसबंदी के बाद महिला को दो हजार रुपए और आशा को तीन सौ रुपए मिलते हैं। यह पूरी राशि महिला के खाते में सीधे 48 घंटे के अंदर ट्रांसफर कर दी जाती है। इन दोनों योजनाओं की आड़ में ही 45 हजार रुपए की सरकारी धनराशि का बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है। 


 


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Content Editor

Purnima Singh

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