बेसिक शिक्षा मंत्री पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं, योगी का जीरो टॉलरेंस बस दिखावाः संजय सिंह

punjabkesari.in Monday, May 31, 2021 - 07:37 PM (IST)

लखनऊः भष्टाचार के आरोप में घिरे बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी पर आम आदमी पार्टी ने सोमवार को एक बार फिर करारा हमला बोला। पार्टी के यूपी प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रदेश में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बंद होने के बाद भी कोरोना काल में बच्चियों के नाम पर 9 करोड़ रुपए की निकासी पर सवाल उठाते हुए इसे बेसिक शिक्षा मंत्री का एक और भ्रष्टाचार बताया।

संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक शब्द का इस्तेमाल किया था आपदा में अवसर, लेकिन उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इसको मुसीबत में घोटाला के रूप में परिवर्तित कर दिया। जब पूरे उत्तर प्रदेश में त्राहि-त्राहि मची थी, महामारी के कारण लोगों की जान जा रही थी उस वक्त उत्तर प्रदेश के अधिकारी घोटाले और भ्रष्टाचार करने में व्यस्त थे। इसके एक नहीं मैं कई कई प्रमाण दे चुका हूं।

संजय ने कहा कि ऐसे में मैं कहना चाहूंगा कि योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति महज दिखावा है। बेसिक शिक्षा मंत्री के एक के बाद एक कई भ्रष्टाचार के मामले प्रमाण सहित मैंने सामने रखे, फिर भी उनके खिलाफ अब तक कुछ भी नहीं किया गया। बच्चों की शिक्षा के लिए आवंटित रुपयों का भ्रष्टाचार करके बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी एक के बाद एक प्रॉपर्टी पर प्रॉपर्टी बना रहे हैं। इटवा के शनिचरा बाजार में अब उनके भाई के नाम से एक और प्रॉपर्टी सामने आई है। जिस जमीन का सर्किल रेट 20 लाख रुपये है उसे मंत्री के भाई ने महज 12 लाख रुपये में खरीदा है। वह भी तब जब कि उनका पेशा कृषि है। ऐसे में प्रधानमंत्री से मेरी अपील है कि कम से कम अपने संसदीय क्षेत्र की गरीब बच्चियों के भोजन कपड़े इत्यादि के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार के मामले में वह ठोस कार्यवाही करें। 

उन्होंने कहा कि 11 फरवरी से 31 मार्च तक कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जो अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग की बच्चियों के लिए होता है, उस बंद विद्यालय में बच्चियों के भोजन साबुन तेल इत्यादि के नाम पर पैसा निकाल लिया गया। बेसिक शिक्षा मंत्री के अधीन आने वाले विद्यालय में 9 करोड रुपये इस तरह से निकाल लिए गए। महा निदेशक बेसिक शिक्षा ने इसे लेकर उन सभी जिलों के बीएसए को पत्र लिखा है, जिस में सामने आया है कि बरेली में 84 लाख, बिजनौर में 74 लाख, देवरिया में 68 लाख, फतेहपुर में 31 लाख, गाजियाबाद में 18 लाख, गोंडा में 96 लाक काशीराम नगर में 31 लाख, मऊ में 23 लाख, मेरठ में 26 लाख, मुरादाबाद में 39 लाख, प्रतापगढ़ में 76 लाख, रायबरेली में 63 लाख, संत कबीर नगर में 38 लाख, श्रावस्ती में 26 लाख, सोनभद्र में 46 लाख सुल्तानपुर में 44 लाख, उन्नाव में 47 लाख और वाराणसी जो कि प्रधानमंत्री क संसदीय क्षेत्र वहां 35 लाख रुपये निकाल लिए गए।

महानिदेशक की ओर से 2020 में नियम बनाया गया था कि कक्षाओं में सभी बच्चियों की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपडेट करने के बाद ही उनके खर्च का भुगतान किया जाएगा। इसमें किसी भी अनियमितता पर बेसिक शिक्षा अधिकारी को सीधे तौर पर जिम्मेदार बनाया गया था। हद तो यह है कि सोनभद्र में भी इस तरह घोटाला करके गरीब बच्चियों के नाम पर पैसा निकाला गया, जहां के प्रभारी मंत्री खुद बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी हैं।

इस तरह से बेसिक शिक्षा मंत्री के अधीन आने वाले कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में महामारी के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया गया। बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा महामारी के दौरान बच्चों के मिड डे मील जूते बस्ते इत्यादि का पैसा खाया गया। गरीब बच्चियों की उपस्थिति शून्य होने के बाद भी उनके विभाग में इन बच्चियों के नाम पर भोजन साबुन इत्यादि खर्चों के नाम पर 9 करोड़ रुपए निकाले गए। इसके बाद भी अब तक भ्रष्टाचारी बेसिक शिक्षा मंत्री पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। 


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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