ABVP की हार राजनीतिक बदलाव का संकेत : मायावती

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2017 - 05:36 PM (IST)

लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज कहा कि देश के प्रतिष्ठित जेएनयू, दिविवि, राजस्थान, गुवाहाटी विश्वविद्यालयों के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी की हार राजनीतिक बदलाव का संकेत है। मायावती ने कहा कि भाजपा नेताओं ने जनता को विभिन्न प्रकार से बरगलाकर अपने अच्छे दिन बहुत देख लिए हैं और अब देश की जनता उनको उनके बुरे दिन दिखाने का मन बना रही है।

मायावती ने एक बयान में कहा कि देश के अति-प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहर विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, राजस्थान व गुवाहाटी विश्वविद्यालयों के बाद अब हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के महत्त्वपूर्ण चुनाव में भाजपा-आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की करारी हार देश के राजनीतिक बदलाव का नया शुभ शकुन है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में एबीवीपी की करारी शिकस्त व एएसजे गठबंधन की शानदार जीत वास्तव में दलित छात्र रोहित वेमूला को बेहतरीन श्रद्धांजलि है। यह नतीजे केंद्र की भाजपा सरकार को सबक हैं कि वह दलित-विरोधी हरकतों से अब भी बाज आ जाए ताकि देश में किसी अन्य रोहित वेमूला को आत्महत्या करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़े।

उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ कुछ मुट्ठीभर बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों पर है। उन्हें छोड़कर देश के सवा सौ करोड़ लोगों के जीवन-मरण से जुड़ी समस्याओं जैसे आसमान छूती हुई महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, अशिक्षा व स्वास्थ्य सेवा के अभाव पर सरकार का ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी व विभिन्न राज्यों में भाजपा की सरकारें इन विकट राष्ट्रीय समस्याओं के प्रति लापरवाह बनी हुई हैं। अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में विफल साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भयंकर महंगाई व भीषण बेरोजगारी का मुद्दा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिसमें मोदी सरकार की नीतियां बुरी तरह से फ्लाप साबित हुई हैं। इनका कौशल विकास का मंत्रालय भी नकारा साबित हुआ है क्योंकि स्वयं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के आंकड़े बता रहे हैं कि देशभर में जिन लगभग 30 लोगों को प्रशिक्षित किया गया उनमें से केवल 10 प्रतिशत लोगों को ही नौकरी के प्रस्ताव मिले।

उन्होंने कहा कि जहां तक यूपी में भाजपा के शासनकाल में अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था एवं जनहित व विकास का सवाल है तो योगी सरकार के 6 महीने के कार्यकाल के दौरान ही जितनी आपराधिक घटनाएं, दुर्घटनाएं, व्यापारिक अपहरण व हत्याएं हुई हैं। उनसे जनता का सरकार से मोहभंग हो गया है परंतु अपनी तसल्ली के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेतागण खासकर मोदी और योगी अक्सर एक-दूसरे की तारीफें करते रहते हैं ताकि जनता का ध्यान बांटा जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र और यूपी में एक ही पार्टी यानी भाजपा की सरकार होने के जो फायदे लोगों को बताए गए थे, वे हवा-हवाई बातें साबित हो रही हैं। उन्हाेंने कहा कि जनता से वादाखिलाफी, कथनी व करनी में अंतर, बिना पूरी तैयारी के ही आपाधापी में नोटबंदी व जीएसटी को देश पर थोपना आदि ऐसे कुछ खास कारण हैं, जिनसे भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों से देश की जनता व व्यापारी वर्ग का मोहभंग हो गया है और वे सब अब भाजपा को कड़ा सबक सिखाने पर आतुर हैं।