आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने लोगों को सत्य पर चलने का मार्ग दिखाया: योगी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 28, 2020 - 07:25 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वाल्मीकि जयन्ती के आयोजन को भव्य तरीके से सम्पन्न कराने के निर्देश देते हुए कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि नेे महाकाव्य रामायण की रचना कर लोगों को सत्य एवं कर्तव्यपरायणता पर चलने का मार्ग दिखाया। योगी ने बुधवार को यहां कहा कि 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयन्ती के आयोजन को भव्य तरीके से सम्पन्न कराया जाय। 

उन्होंने कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि नेे महाकाव्य रामायण की रचना कर लोगों को सत्य एवं कर्तव्यपरायणता पर चलने का मार्ग दिखाया। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण सामाजिक मूल्यों, मानव मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों की स्थापना का आदर्श है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का यह सौभाग्य है कि भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या समेत रामायणकालीन अनेक स्थल राज्य में स्थित हैं। उन्होंने वाल्मीकि जयन्ती पर आयोजित किये जाने वाले समस्त कार्यक्रमों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन कराने के निर्देश भी दिये हैं। 

इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने देवरिया, जौनपुर, उन्नाव, कानपुर नगर, अमरोहा, फिरोजाबाद, बुलन्दशहर को छोड़कर सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयन्ती के आयोजन को भव्य तरीके से सम्पन्न कराने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित स्थल, जिन्हें राम-जानकी मार्ग, राम वन-गमन मार्ग आदि के रूप में जाना जाता है, सम्पूर्ण भारत वर्ष में लगभग 280 स्थलों के रूप में आज भी विद्यमान है। उत्तर प्रदेश में राम-जानकी मार्ग तथा राम वन-गमन मार्ग के तहत अनेक स्थल विद्यमान हैं, जहाँ भारतीय संस्कृति के मूल तत्व एवं मान्यताएं सुरक्षित हैं।  

उन्होंने कहा कि इस वर्ष आगामी 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि की जयन्ती का पावन दिवस है, जिसे प्रदेश के जिलों में भव्य रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। वाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्र मूल्यों के व्यापक प्रचार-प्रसार व जनमानस को इससे जोडऩे के लिए महर्षि वाल्मीकि से सम्बन्धित स्थलों/मंदिरों आदि पर दीप प्रज्ज्वलन/दीप दान के साथ-साथ अनवरत छह, 12 अथवा 24 घण्टे का वाल्मीकि रामायण का पाठ किए जाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। श्रीराम व श्री हनुमान तथा रामायण से सम्बन्धित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों/मंदिरों का चयन करते हुए, वहां सुरुचिपूर्ण आयोजन के साथ रामायण पाठ/भजन आदि के कार्यक्रम कराए जाएंगे।

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