सराहनीयः 38 बेटियों को गोद लेकर सिखाई कबड्डी, झोली में आए कई गोल्ड

punjabkesari.in Thursday, Dec 13, 2018 - 11:44 AM (IST)

वाराणसीः एक दौर ऐसा था जब किसी के घर बिटिया जन्म लेती थी तो उसे अभिशाप समझा जाता था, लेकिन समय बीतता गया और आज बेटियां अभिशाप नहीं बल्कि नई उम्मीद की किरण हैं। ऐसी ही भानगी वाराणसी में देखने को मिली। जहां शख्य ने 38 बेटियों के गोद लिया और उन्हें विश्व पटल पर एक नई पहचान देने को कटिबद्ध किया।

इन दबंग लड़कियों के वजह से चर्चा में रहता है गांव
बता दें कि शिवपुर विधानसभा का एक छोटा सा गांव सिंहपुर है। जो कि अतिपिछड़ा होने के साथ-साथ शहर से दूर बसा है, लेकिन आजकल ये गांव दबंग लड़कियों के वजह से चर्चा में रहता है। दरअसल ये दबंग लड़कियां कबड्डी की खिलाडी हैं और इनको इसी गांव के एक छोटे से बगीचे में ट्रेनिंग दी जाती है।

जीत चुकी हैं नेशनल, जूनियर, सीनियर में गोल्ड मैडल
इतना ही नहीं इनको ट्रेनिंग देने का बीड़ा उठाया है, एक राष्ट्रीय स्तर के कबड्डी अंपायर बिहारी राम पाल ने। बिहारी राम पाल इन बच्चियों को अपने खर्च पर ट्रेंड करते हैं और कबड्डी से सम्बंधित सारी सुविधाएं खुद के पैसे से करते हैं। इन बच्चियों के कपड़े, जूते, भारत में कहींं भी आने जाने खाने और रहने के खर्च ये खुद वहन करते हैं। उनके पास 38 लड़कियों की फ़ौज है। जिसमें कई स्टेट और कई नेशनल सब जूनियर, जूनियर और सीनियर में गोल्ड मैडल जीत चुकी हैं, लेकिन एक समस्या से ये खिलाड़ी जूझ रहे हैं।

ये समस्या कर रही बाधित
उन्हें सबसे बड़ी समस्या कबड्डी मैदान की है। दरअसल, स्टेडियम लगभग 25 किमी दूर है। ऐसे में ये खिलाडी इतनी दूर साइकिल से सफर करके नहीं जा सकते इसलिए इन्हे इसी क्षेत्र में एक मैदान की आवश्यकता है। इस बात की जानकारी भाजपा नेता भाजपा के मंत्रियों अनिल राजभर (शिवपुर विधायक) को भी है, लेकिन सिर्फ सांत्वना ही हासिल हुई।

सीएम योगी को कराया गया समस्या से अवगत
कबड्डी खिलाड़ियों का कहना है कि इस बारे में ग्राम प्रधान से जब बात की गई तो उन्होंने एक महीने के भीतर इस मैदान के पास शौचालय बनाकर देने का वादा किया। बंजर जमीन एकमुश्त नहीं हो पाने से दिक्कत है। इस समस्या के बारे में मुख्यमंत्री योगी को अवगत करा दिया गया है और खतौनी की कॉपी भी भेज दी गई है।

उठता है ये सवाल
एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए जागरूक कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कई साल से इन मेधावी लड़कियों के लिए आज भी खेल का मैदान चिंता का सबब बना हुआ है। जरूरत है सरकार के मंत्रियों को इस ओर ध्यान देने की ताकि इनका भविष्य उज्जवल हो सके।

Tamanna Bhardwaj