बंटवारे के 14 साल बाद जमीयत के दोनों धड़ों में विलय तय, जानिए, क्यों चाचा-भतीजे एक साथ आने पर हुए विवश?
punjabkesari.in Saturday, Jul 23, 2022 - 07:47 PM (IST)
देवबंद (सहारनपुर): देवबंदी मुस्लिमों की सामाजिक और राजनीतिक संस्था जमीयत उलमाए हिंद के दोनों गुटों में विलय तय हो गया है। 14 साल पहले वर्ष 2008 में जमीयत वर्चस्व को लेकर मौलाना अरशद मदनी और उनके भतीजे मौलाना महमूद मदनी गुट में बंट गई थी। वर्षों देश और दुनिया के आलीमों और शुभचिंतकों ने दोनों को एक करने के भरसक प्रयास किए लेकिन कभी किसी को कोई सफलता नहीं मिली लेकिन समय का फेर और देश के मौजूदा हालात ने मुस्लिमों की स्थिति ने चाचा-भतीजे को साथ आने पर विवश कर दिया।
जमीयत उलमाए हिंद के मौलाना महमूद मदनी गुट की शुक्रवार रात संपन्न हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने विलय के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष महमूद मदनी को सौंप दिए। साथ ही राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य इकाइयों के अध्यक्षों और तमाम पदाधिकारियों ने महमूद मदनी को अपने इस्तीफे सौंप दिए ताकि विलय में कोई गतिरोध पैदा ना हो सके। जमीयत के राष्ट्रीय महासचिव हकीमुद्दीन कासमी और सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने यह जानकारी दी।
बैठक में दारूल उलूम के मोहत्मिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, उपाध्यक्ष मौलाना सलमान बिजनौरी, सांसद मौलाना बदरूद्दीन अजमल, पश्चमी बंगाल सरकार में मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी, दारूल उलूम के नायब मोहत्मिम मुफ्ती मोहम्मद राशिद, मुफ्ती मोहम्मद अफफान मंसूरपुरी आदि 100 से ज्यादा महत्वपूर्ण पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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