5 साल बाद चिंता देवी बनकर बिहार से मिली यूपी की गुलशन खातून, जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Wednesday, May 30, 2018 - 05:07 PM (IST)

बलियाः यूपी के बलिया से एक खबर ऐसी जिसे सुन और देख कर आप भी दंग रह जाएंगे। दरअसल 5 साल पहले शिवचर्चा में ढोलक बजाने अपने पड़ोसन के साथ गई नाबालिग गुलशन खातून आज चिंता देवी बन गई। कहानी फिल्मी नहीं हकीकत है। 

जानिए पूरा मामला 
जैसे आंधी में तिनकों के ठिकाने का पता नहीं होता वैसे ही बलिया के रसड़ा कोतवाली के कोप गांव की गुलशन खातून की ज़िंदगी में भी तूफ़ान आया और अचानक गुलशन गायब हो गई। 21 सितम्बर  2013  को उसके पिता जलालुद्दीन ने रसड़ा कोतवाली में बेटी की गुमशदगी का मुकदमा दर्ज कराया। दरअसल जिस दिन गुलशन गायब हुई उसी दिन वो गांव में हो रहे शिवचर्चा में ढोलक बजाने गई थी। परिवार गुलशन की खोज में जुटा रहा पर गुलशन नहीं लौटी। 9 अप्रैल 2018 को रसड़ा कोतवाली का  निरीक्षण करने अपर पुलिस महानिदेशक वीपी रमा शास्त्री पहुंचे तभी गुलशन के चाचा कमालुद्दीन ने उनके पैर पकड़ लिए और गुलशन को ढूढ़ने की गुहार लगाई।

एडीजी के आदेश पर पता चला लापता बच्ची का पता
एडीजी के आदेश पर बलिया पुलिस ने गुलशन की खोजबीन शुरू की और 5 साल बाद गुलशन खातून बिहार के पश्चिमी चम्पारण के रमना गावं में चिंता देवी के रूप में मिली, लेकिन गुलशन खातून की ज़िंदगी बदल चुकी थी। बलिया पुलिस ने जब बिहार जाकर गुलशन को बरामद किया और बलिया वापस लाई तो गुलशन ने खुलासा किया। 

गुलशन से बनी चिंता देवी
गुलशन ने बताया कि पांच साल पहले गावं की मीना और कुछ लोगों ने उसे बिहार ले जाकर बेच दिया।  गुलशन के मुताबिक़ उसकी शादी एक हिन्दू परिवार में हो गई है।टीवी में जब उसने अपने परिवार वालों को एडीजी के पैर पकड़कर रोते देखा तो उसने किसी तरह संपर्क करने की कोशिश की। फिलहाल गुलशन के परवार वाले अपनी बेटी को पाकर खुश हैं।

लड़कियों को बेचा जाता है
बता दें कि गुलशन की कहानी महज गुमशुदगी और बरामदगी की नहीं है। ये कहानी है देश में लड़कियों को खरीदने और बेचने के उस घिनौने कारोबार की, जिसने ना जाने कितनी ही बेटियों की ज़िंदगी बर्बाद की। पुलिस के मुताबिक़ गुमशुदा गुलशन चिंता देवी के रूप में अपने पति के साथ खुश है। मजिस्ट्रेट के सामने बयान के बाद बलिया पुलिस ने उसे पति के साथ रहने की इज़ाज़त दे दी है पर मामले की जांच भी कर रही है कि गुलशन को बेचने वाले कौन थे?

Ruby