IAS के बाद Neet में भी UP की बेटी ने लहराया परचम, कुल 720 में मिले 720 नंबर
punjabkesari.in Saturday, Oct 17, 2020 - 06:22 PM (IST)
लखनऊः बीते दिनाें घाेषित हुए सिविल सेवा परीक्षा में उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर की प्रतिभा वर्मा ने आल इंडिया रैकिंग के महिला वर्ग में पहला स्थान हासिल किया था।अब Neet परीक्षा में कुशीनगर की रहने वाली अकांक्षा सिंह ने उत्तर प्रदेश का नाम राेशन किया है। आकांक्षा सिंह का रिजल्ट 100 परसेंट रहा और उन्हें कुल 720 में 720 नंबर मिले पर वो नीट परीक्षा की टॉपर नहीं बन सकीं। आकांक्षा का ऑल इंडिया रैंक 2 है। बता दें कि ओडिसा के रहने वाले शोएब आफताब आल इंडिया टापर बने हैं। उम्र वरीयता की वजह से उन्हें टॉपर घाेषित किया गया है जबकि शाेएब का स्काेर भी आकांक्षा के स्काेर 720 के बराबर है।
इस बजह से ऑल इंडिया टॉपर बनने से चूकि आकांक्षा
परीक्षा का परिणाम आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा घोषित किए गया है। जिसमें ओडिशा के शोएब आफताब इंटरनेशनल टॉपर रहे हैं। फिलहाल आकांक्षा और शोएब दोनों को 720 में 720 मिले लेकिन शोएब की उम्र अधिक होने से उन्हें टॉपर घोषित किया गया।
आखिर ऐसा क्यों हुआ?
इसका जवाब है NEET परीक्षा को संचालित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( NTA) की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी है। जब दो विद्यार्थियों के नंबर समान हो तो यह इसका चुनाव करती है। एनटीए टाई ब्रेकिंग की स्थिति में टॉपर का निर्धारण करने के लिए उम्र, विषयवार मिले नंबर और गलत उत्तरों की संख्या को ध्यान में रखता है।
एक नजर NTA की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी पर
एक अधिकारी ने एनटीए की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी को विस्तार से समझाते हुए कहा, 'परीक्षार्थी की रैंकिंग का निर्धारण सबसे पहले जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र में मिलने वाले नंबरों के आधार पर होता है, लेकिन अगर इस स्थिति में भी रैकिंग का निर्धारण नहीं हो पाता है तो गलत सवालों के जवाब को ध्यान में रखकर रैंकिंग बनाई जाती है। इसके बाद उम्र के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है, यहां जिसकी उम्र ज्यादा होती है उसे प्राथमिकता दी जाती है।'