लव जिहाद के बाद अब आया 'लैंड जिहाद', VHP का है अभियान

punjabkesari.in Tuesday, Dec 19, 2017 - 06:23 PM (IST)

मेरठ(आदिल रहमान): लव जिहाद के विरोध की तर्ज पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) अब लैंड जिहाद के खिलाफ अभियान चलाएगी। जिनका मानना है कि वर्ग विशेष के लोग लैंड जिहाद को एक साजिश के तहत बढ़ावा दे रहे हैं। यहीं नहीं उनका आरोप है कि सरकारी जमीन पर धार्मिक स्थल और धार्मिक आयोजन के नाम पर कब्जा करके देशविरोधी गतिविधि चलाने की कोशिश हो रही है।

'लैंड जिहाद' के नाम पर VHP का अभियान
दरअसल वीएचपी का आरोप है कि लव जिहाद की तरह अब 'लैंड जिहाद' को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे बचने के लिए लोगों में जागरुकता लाने की जरुरत है जोकि वीएचपी कर रहा है। वहीं हिन्दूवादी नेताओं का आरोप है कि 'लैंड जिहाद' के नाम पर हिंदू बहुल्य इलाकों में एक-दो मुस्लिम साजिश के तहत बाजार के रेट पर अधिक पैसे का लालच देकर मकान, दुकान या जमीन खरीद लेते हैं। बाद में अपने संप्रदाय के और लोगों को भी वहीं पर मकान आदि दिलवा देते हैं। वहीं दोनों संप्रदाय के लोगों का रहन-सहन और खान-पान का तरीका एकदम अलग है। इसकी वजह विवाद शुरू हो जाता है।

हिंदू बहुल्य इलाकों में बढ़ रहे विवाद
जिसके बाद विवाद से क्षेत्र का माहौल खराब करने लगते है और हिंदुओं को इलाके से जाने पर मजबूर कर देते हैं। वीएचपी के सह प्रांत संगठन मंत्री सुदर्शन चक्र महाराज का कहना है कि 'लैंड जिहाद' फिलहाल तेजी से बढ़ रहा है। एक साजिश के तहत सरकारी जमीन, पार्क, चौराहे पर मजार बनाकर धार्मिक आयोजन की आड़ में कीमती जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। कुछ दिन बाद ऐसे ही कब्जा की गई जमीनों पर देश विरोधी गतिविधियों का संचालन किया जाता है।

मामला सामने आने के बाद VHP का हल्ला बोल 
दरअसल, मेरठ में एक मामला सामने आया है। जहां के माली पाड़ा हिंदू बाहुल्य क्षेत्र में रहने वाले संजय रस्तोगी का एक पुराना मकान हैं। उन्होंने इस मकान को इस्माइल नगर निवासी नौमान अली को बेच दिया था। रविवार की देर शाम संजय अपने मकान का कब्जा दिलाने के लिए नौमान को लेकर मालीवाड़ा पहुंचे। लोगों को पता चला कि संजय रस्तोगी ने गैर समुदाय के व्यक्ति को मकान बेच दिया।

इस सूचना पर बीजेपी और हिंदू संगठन के पदाधिकारी पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने गैर संप्रदाय के व्यक्ति को मकान बेचने का विरोध किया तो मकान खरीदने वाले व्यक्ति ने कहा कि उस को उस के पैसे वापस दे दिए जाए। जिस पर इलाके वालो ने 2 महीने का वक्त भी दिया गया है। हालांकि इलाके वालों की इस बारे में अलग अलग राय बनी हुई है। कोई मत तो कोई नासहमत है।